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पटना।
लोजपा में टूट के बाद गुरुवार को पटना में हुई लोजपा राष्ट्रीय कार्यकारणी की बैठक में सर्वसम्मति से पशुपति कुमार पारस को राष्ट्रीय अध्यक्ष चुन लिया गया। गुरुवार की शाम लोजपा कार्यालय में सूरजभान सिंह ने इसकी औपचारिक घोषणा की। अध्यक्ष बनाए जाने के बाद पशुपति कुमार पारस ने कहा कि भतीजा तानाशाह हो जाएगा तो चाचा क्या करेगा? यह प्रजातंत्र है, कोई आजीवन अध्यक्ष नहीं रह सकता। वहीं जब उनसे एक साथ चार पद पर खुद काबिज होने के बाबत सवाल पुछा गया तो वे भड़क गए और पीसी छोड़कर निकल गए। उन्होंने यह भी कहा कि सामाजिक न्याय के तहत पार्टी को आगे बढ़ाएंगे। विश्वास दिलाता हूं कि पार्टी के अंदर कोई विरोध नहीं है। अगर ऐसा होता तो निर्विरोध मैं नहीं चुना जाता।
दलित सेना के अध्यक्ष पद पर रहने के सवाल पर पारस ने कहा कि दलित सेना अलग संस्था है, जिस दिन मंत्री पद लूंगा, उस दिन संसदीय दल के अध्यक्ष का पद छोड़ दूंगा। उन्होंने कहा कि चुनाव का काम सम्पन्न हो गया है। मेरे दल के लोगों ने मुझे बहुत बड़ी जिम्मेदारी दी है। बड़े भाई का सपना था कि समाज में गिरे हर वर्ग के लोगों को उत्थन करने करने का प्रयास रहेगा। जो साथी दुखी होकर दूसरी पार्टी में गए हैं, वे वापस आएं। मैं माफी मांगता हूं उनसे। वे वापस आएं और साथ दें।
उल्लेखनीय है कि सुबह 11 बजे से तीन बजे तक चली राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में पहुंचे सभी 71 सदस्यों ने समर्थन दिया। जिसके बाद पशुपति पारस पार्टी के पांचों सांसदों के साथ एलजेपी कार्यालय पहुंचे। जहां लोजपा के दिवंगत नेता रामविलास पासवान और रामचंद्र पासवान की फोटो पर माल्यार्पण किया गया।
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