गोड्डा। जिल के तालझारी में पुलिस और आदिवासी ग्रामीणों के बीच हिंसक झड़प हुई है। घटना गुरुवार की दोपहर हुई है। तालझारी मौजा में कोयला खनन के लिए अधिग्रहित जमीन के सीमांकन का ग्रामीण विरोध कर रहे हैं। जिसपर पुलिस ने कड़ी कार्रवाई की। बुधवार को पुलिस प्रशासन ने संयम से काम लिया, लेकिन गुरुवार को प्रशासन ने कड़े तेवर दिखाए। डीसी जिशान कमर और एसपी नाथू सिंह मीना भी घटनास्थल पर कैंप कर रहे हैं। ग्रामीणों की ओर से तीर-धनुष से पुलिस टीम पर हमला किया गया है। झड़प में एसडीपीओ शिव शंकर तिवारी के घायल होने की सूचना मिली है। जिसके बाद पुलिस ने ग्रामीणों पर लाठीचार्ज किया। वहीं भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हवाई फायरिंग भी की गई।
बताया गया है की ग्रामीण ईसीएल को जमीन पर कोयला खनन करने नहीं दे रहे थे। पुलिस टीम दलबल के साथ खनन कराने पहुंची थी ।आदिवासी ग्रामीण अपने परम्परागत हथियार के साथ मौजूद थे इनकी संख्या पुलिस बल से अधिक थी। तालझारी गांव में ईसीएल की ओर से करीब 100 एकड़ अधिग्रहित की गई है। लेकिन वहां के ग्रामीण ईसीएल को जमीन पर कोयला खनन करने नहीं दे रहे हैं। करीब पांच साल से मान-मनोव्वल का दौर चल रहा था । इस बार प्रशासन ने हस्तक्षेप किया और ग्रामीणों के विरोध पर कार्रवाई शुरू की।
वहीं लाठीचार्ज के बाद घटनास्थल पर सैकड़ों की संख्या में पुलिस बलों की तैनाती की गई है। पूरे क्षेत्र को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है। इसी बीच ग्रामीण उग्र होकर पुलिस बल पर हमला बोल दिया । लगभग तीन घंटे तक वहां रणक्षेत्र बना रहा ।ग्रामीण के हमले में तैनात एसडीपीओ गंभीर रूप से घायल हो गए। भीड को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने कई चक्कर गोली चलाई। गोली चालन के बाद भीड और उग्र होकर सुरक्षा बल पर हमला किया ।
घटना स्थल पर अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात है । एसपी भी लगातार कैम्प किये हुए है। एसपी ग्रामीणों से लगातार समझाने बुझाने का प्रयास कर रहे है।ग्रामीण का कहना है की वो अपनी भूमि पर उत्खनन का काम नही होने देगे। कुछ राजनीतिक दल के नेता भी पहुंच कर जहां एक समझाने का प्रयास करते देखे जा रहे है तो कुछ ग्रामीण को भड़काने का भी काम कर रहे। आस पास के गांव से आदिवासी हथियार के साथ घटनास्थल पर जमना आरम्भ कर दिया है।