मुंगेर।

मुंगेर में मां दुर्गा के प्रतिमा विसर्जन के दौरान हुई उपद्रव की घटना में गोली लगने से युवक की हुई मौत व करीब 6 लोगों के घायल होने की घटना के दो दिनों बाद गुरुवार को घटना के विरोध में लोगों ने एक बार फिर हिंसा भड़क गई। उपद्रवियों की भीड़ ने पहले एसपी लिपि सिंह के दफ्तर को निशाना बनाया। कार्यालय के आगे लगे बोर्ड को उखाड़ फेंका। एसपी कार्यालय के बाद भीड़ एसडीपीओ आवास में भी तोड़फोड़ की। इस दौरान कई गाड़ियों को भी आग के हवाले कर दिया गया। भीड़ ने कई थानों पर पथराव भी किया। बासुदेव पुलिस चौकी में आग लगा दी। पूरबसराय ओपी पर पथराव के दौरान वहां खड़ी पुलिस की जीप सहित अन्य वाहनों को भी उपद्रवियों ने आग के हवाले कर दिया। उपद्रवीयों पर बड़ी संख्या में पुलिस बल के पहुंचने के बाद काबू पाया जा सका। इधर मुंगेर में हिंसा भड़कने के मामले में चुनाव आयोग ने संज्ञान लेते हुए वहां के डीएम राजेश मीना और एसपी लिपि सिंह को तत्काल प्रभाव से हटा दिया है। साथ ही जिले में नए डीएम और एसपी की तैनाती कर दी गई है।
चुनाव आयोग ने पूरे मामले की जांच का जिम्मा मगध प्रमंडल के कमिश्नर असंगबा चुबा आव को सौंपी है। उन्हें 7 दिनों में आयोग को अपनी रिपोर्ट सौंपना है। उल्लेखनीय रहे कि दुर्गा पूजा के दौरान मूर्ति विसर्जन के मौके पर हुई पुलिस फायरिंग की घटना को लेकर वहां के लोग लगातार एसपी लिपि सिंह को हटाने की मांग कर रहे थे। बुधवार को वोटिंग को लेकर किए गए सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त के बाद जैसे ही गुरुवार को सुरक्षा बलों को हटाया गया। वहां के लोग एक बार फिर आक्रोशित हो उठे।घटना के बाद शहर का माहौल काफी तनावपूर्ण है।
गोली कांड को लेकर एडीजी पुलिस मुख्यालय जितेंद्र कुमार ने बताया है कि पूरे मामले की सीनियर पुलिस अधिकारियों से जांच कराई जा रही है। जिसमें इस बात का पता लगाया जा रहा है कि मूर्ति विसर्जन के दौरान हालत कैसे बिगड़े, जिससे पुलिस को कार्रवाई करनी पड़ी। उन्होंने कहा है कि जल्द ही जांच पूरी हो जाएगी और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस फायरिंग की घटना के बाद से ही बिहार की राजनीति गरमा गई है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मामले में कड़ी कार्रवाई के साथ उच्च न्यायालय के किसी रिटायर्ड जस्टिस से पूरे घटना की जांच की मांग की थी। वहीं लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान भी लगातार इस मुद्दे पर सरकार को घेरने की कोशिश कर रहे हैं।