.मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने देवघर को बर्बाद करने की सुपारी किसी को दे रखी है- निशिकांत
देवघर। झारखंड के प्रसिद्ध बाबा वैद्यनाथ मंदिर में मंगलवार को महाशिवरात्रि पर भगदड़ मच गई। बताया जा रहा है कि कुछ भक्त वीआइपी गेट से जलाभिषेक के लिए अंदर जाने की कोशिश कर रहे थे। इसी दौरान कुछ देर के लिए हालात बिगड़ गए। अफरा-तफरी में 10 लोग घायल हो गए। शीघ्र दर्शनम के काउंटर के पास यह घटना हुई। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मंदिर प्रबंधन और जिला प्रशासन ने श्रद्धालुओं पर लाठियां भांजी। मौके पर पूजा के लिए पहुंचीं बड़कागांव की कांग्रेस विधायक अंबा प्रसाद को भी अव्यवस्था का शिकार होना पड़ा। व्यवस्था को लेकर शिकायत करने पहुंची विधायक से मंदिर प्रबंधन समिति के लोगों से बहस हो गई।
अंबा ने अफरा-तफरी में घायल हुए लोगों से मुलाकात की। जब वह प्रशासन से शिकायत करने गईं तो उन्हें अंदर नहीं जाने दिया गया। उन्होंने कहा कि मंदिर में भक्तों के लिए बेहतर इंतजाम नहीं किए गए। उन्होंने आरोप लगाया कि देवघर एसडीपीओ दिनेश कुमार यादव और मंदिर व्यवस्थापक रमेश परिहस्त ने उनके साथ बहस की। फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है। शीर्घ दर्शनम के लिए पांच सौ रुपये शुल्क के साथ लगने वाली कतार करीब डेढ़ किलोमीटर तक लंबी बताई जा रही है।
घटना के बाद गोड्डा भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने सोशल मीडिया पर लाठीचार्ज का वीडियो जारी करते हुए कहा है कि जब आस्था पर राजनीति हावी हो तो श्रद्धालुओं का यही हाल होता है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने देवघर को बर्बाद करने की सुपारी किसी को दे रखी है। अव्यवस्था में घायल होने वालों में दो महिलाएं बिहार की हैं। घटना में बिहार की रहने वाली संगीता देवी बेहोश हो गई थी, जिन्हें बाबा मंदिर उप स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया गया। प्रथम उपचार के दौरान पता चला कि महिला का दायां पैर भीड़ से दबने के कारण टूट गया है। उसको सदर अस्पताल भेजा गया। वहीं बेगूसराय की गीता देवी के सिर में चोट लगी है। मंदिर में हुई अव्यवस्था को लेकर लोगों में भारी नाराजगी है। शिवरात्रि के दिन पैदा हुए हालात को देखते हुए जिले की पूरी प्रशासनिक टीम को बदलने की मांग की जा रही है। दावा किया जा रहा है कि यह टीम श्रावणी मेले की भीड़ को नियंत्रित नहीं कर सकेगी। मंदिर में हुई अफरा-तफरी में 10 लोगों के घायल होने की जानकारी मिली है।
इस संबंध में देवघर के उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री ने बताया कि पूरी व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त है। कुछ लोग अफवाह फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। इससे बचने की आवश्यकता है। देवघर जिला प्रशासन की पूरी निगरानी में यह प्रक्रिया बेहद सुचारू तरीके से संचालित की जा रही है। उल्लेखनीय है कि देवघर में महाशिवरात्रि पर बाबा वैद्यनाथ का जलाभिषेक करने के लिए भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा है। सुबह तीन बजे मंदिर परिसर में सरकारी पूजा हुई। इसके बाद सुबह चार बजे श्रद्धालुओं के जलार्पण के लिए पट खोल दिए गए। मंदिर में कतारबद्ध तरीके से श्रद्धालुओं के सुगम जलार्पण की व्यवस्था की गई थी।