Ranchi: अपराध अनुसंधान विभाग (सीआईडी) की साइबर थाना ने क्रिप्टोकरेंसी में निवेश के नाम पर 95 लाख दो हजार रुपये की साइबर ठगी करने वाले दो आरोपितों को गिरफ्तार किया है। सीआईडी टीम ने दोनों को महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले से गिरफ्तार किया है। इनके पास से दो मोबाईल, चार सिम, पांच एटीएम, सात आधार कार्ड, दो पेन कार्ड, चार चेक, आठ चेक बुक सहित अन्य सामान बरामद किये गये हैं।
सीआईडी के डीजी अनुराग गुप्ता ने मंगलवार को संवाददाता सम्मेलन में बताया कि गिरफ्तार अपराधियों में प्रतीक संतोषराव राउत और अभिषेक संतोष तूपे शामिल हैं। ठगी के 95 लाख दो हजार रुपये में से 40 लाख 74 हजार 130 रुपये को फ्रीज करवा दिया गया है। डीजी ने बताया कि धनबाद के रहने वाले एक व्यक्ति ने सीआईडी के साइबर सेल थाना में शिकायत दर्ज कराया गया था।
साइबर अपराधियों ने पीड़ित से जीवन साथी डॉट कॉम पर उपलब्ध एक प्रोफाइल में संपर्क किया और उन्हें क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कर अधिक पैसे कमाने के लिए कहा गया। इसके लिए पीड़ित व्यक्ति को एक फर्जी बेवसाइट पर रजिस्टर करने को कहा गया। इसके लिए पीड़ित से अलग-अलग बैंक खाताओं में यूपीआई के माध्यम से पैसे डालने को कहा गया। इसके एवज में पीड़ित को उनका प्रॉफिट फर्जी बेवसाइट पर दिखाया जाता था। जांच में इन फर्जी बेवसाइट का मूल स्थान हांगकांग, चाइना, कंबोडिया में पाया गया है।
फाइनेंशियल ट्रायल एनालिसिस में फेक कंपनी के नाम पर रजिस्टर्ड महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और दिल्ली के बैंक खाता पाये गये हैं। इसमें करोड़ों रुपये के ट्रांजेक्शन किये गये थे। पीड़ित व्यक्ति से कुल 95 लाख रुपये की ठगी की गई थी। डीजी ने बताया कि अनुसंधान के क्रम में मामले में भारतीय अपराध समन्वय केंद्र I4सी, गृह मंत्रालय, भारत सरकार एवं साइबर पुलिस, महाराष्ट्र, औरंगाबाद और अमरावती पुलिस (महाराष्ट्र) के साथ समन्वय स्थापित करते हुए कांड में शामिल दो साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया गया।
अब तक के अनुसंधान और पूछ-ताछ में यह बात प्रकाश में आयी है कि विभिन्न बैंकों में भेजे गये पैसों को क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज पर विभिन्न ब्लॉक चैन वॉलेट एड्रेस पर भेज दिया जाता था जो अनुसंधान के अंतर्गत है। इस दौरान डीजी ने साइबर अपराधियों से बचने के तरीके की भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि किसी भी अनजान नंबर पर से व्हाट्सएप आने पर उनकी बातों में आकर पैसे का अदान प्रदान ना करें। साथ ही एसएमएस के जरिये किसी भी प्रकार का लिंक आने पर उसपर क्लिक ना करें। इसके अलावा निवेश के तौर पर अनजान बैंक खाता में क्रिप्टोकरेंसी में पैसे का निवेश करने से बचे। इस मौके पर एसपी एस कार्तिक और साइबर थाना डीएसपी नेहा बाला मौजूद थे।