Ranchi: झारखंड हाई कोर्ट में भूमि घोटाले के आरोपित झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की जमानत याचिका पर बुधवार को सुनवाई हुई। ईडी ने बहस के दौरान कहा कि हेमंत सोरेन का जुड़ाव उन सबूतों से है, जो ईडी की अलग-अलग छापेमारी में मिले हैं। ईडी की बहस सुनने के बाद अदालत ने हेमंत सोरेन के अधिवक्ता को लिखित बहस जमा करने का निर्देश दिया। ईडी की बहस गुरुवार को भी होगी।
कोर्ट में ईडी ने कहा कि बड़गाईं अंचल के हल्का कर्मचारी भानू प्रताप के ठिकाने से दस्तावेजों से भरा हुआ जो ट्रंक बरामद हुआ था, उसमें कई ऐसे कागजात मिले थे, जो भूमि घोटाला से ही संबंधित थे। विनोद सिंह के मोबाइल से जो चैट और नक्शा बरामद हुआ था, उसके मुताबिक 8.86 एकड़ भूमि पर बैंकवेट हॉल बनाये जाने की तैयारी थी। हेलेरियस कच्छप को इस भूमि की देखरेख के लिए हेमंत सोरेन ने रखा था। भूमि पर हेमंत सोरेन का कब्जा था।
तत्कालीन सीओ मनोज कुमार ने अपने बयान में कहा था कि अभिषेक प्रसाद पिंटू और सीएमओ में कार्यरत उदय शंकर के कहने पर उन्होंने हल्का कर्मी भानू प्रताप को इस भूमि का सर्वे करने का निर्देश दिया था। अभिषेक प्रसाद ने अपने बयान में कहा है कि उन्होंने उक्त भूमि को लेकर जो भी निर्देश दिए वह हेमंत सोरेन के कहने पर ही दिए। बचाव पक्ष ने सबूतों पर जो सवाल खड़े किए हैं, वो पूरी तरह से बेबुनियाद हैं। क्योंकि, राज्य सरकार के कर्मचारियों की मौजूदगी में सभी सबूतों को सील किया गया है और जब्ती सूची पर सबके हस्ताक्षर हैं।
सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट में हेमंत सोरेन के पक्ष में वरीय अधिवक्ता मीनाक्षी अरोड़ा, हाई कोर्ट के अधिवक्ता पीयूष चित्रेश और प्रदीप चंद्रा मौजूद रहे। ईडी के पक्ष में वरीय अधिवक्ता एसवी राजू ने बहस की। हेमंत सोरेन की जमानत याचिका पर हाई कोर्ट के जस्टिस रंगोन मुखोपाध्याय की कोर्ट में सुनवाई हुई। पिछली सुनवाई के दौरान अदालत हेमंत सोरेन की ओर से वरीय अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने बहस की थी, जिसके बाद बुधवार को ईडी की ओर से बहस की गई।
हेमंत सोरेन को इस मामले में 31 जनवरी की रात को गिरफ्तार किया गया था। इसी केस में अफसर अली, जेएमएम नेता अंतू तिर्की, प्रियरंजन सहाय, विपिन सिंह और इरशाद समेत अन्य लोगों की भी गिरफ्तारी हो चुकी है।