Ranchi: हजारीबाग के महेश्वरी परिवार ने आत्महत्या की थी या परिवार के सदस्यों की हत्या की गयी थी, इसकी गुत्थी अब सीबीआई सुलझायेगी। यह आदेश सोमवार को झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी की कोर्ट ने दिया। परिवार के सदस्य राजेश महेश्वरी ने याचिका दाखिल कर सीआईडी जांच पर सवाल उठाया था और सीबीआई जांच की मांग की थ। , जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता हेमंत शिकरवार ने बहस की।
गौरतलब हो कि 14 जुलाई 2018 को हजारीबाग के खजांची तालाब के पास बने सीडीएम शुभम अपार्टमेंट के तीसरे तले के कमरा नंबर 303 में माहेश्वरी परिवार के छह लोगों का शव बरामद हुआ था। मरने वालों में परिवार के मुखिया महावीर अग्रवाल, पत्नी किरण अग्रवाल, उनका बेटा नरेश, बहू प्रीति अग्रवाल, पोता अमन अग्रवाल और पोती अन्वी उर्फ परी अग्रवाल शामिल थी।
इनमें महावीर अग्रवाल का शव बेडरूम के पंखे से लटका मिला था। वहीं नरेश का शव अपार्टमेंट के बाहर नीचे गिरा पड़ा था। किरण अग्रवाल का शव बिस्तर पर पड़ा था। प्रीति अग्रवाल का शव पंखे से लटका मिला था। वहीं पोता अमन फांसी पर लटका पाया गया था। पोती अन्वी का शव सोफा से बरामद किया गया था। इस मामले की जांच सीआईडी ने की थी और इस घटना को आत्महत्या करार दिया था।