Patna: पूर्व उप मुख्यमंत्री एवं भाजपा के राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने बुधवार को कहा कि लालू परिवार की महिलाओं ने करोड़ों रुपये की जमीन दान में क्यों ली और फिर बेची क्यों। उन्होंने कहा कि नौकरी के बदले जमीन मामले में लालू प्रसाद की पत्नी राबड़ी देवी और दो बेटियों पर ईडी ने जब मनी लांड्रिंग के पुख्ता सबूत मिलने पर आरोप-पत्र दायर किया है तब आरोपितों की ओर से राजनीतिक जवाब देने का कोई मतलब नहीं है।
सुशील मोदी ने कहा कि जो लोग काले धन को छिपाने या उसे वैध सम्पत्ति दिखाने (मनी लांड्रिंग) का अपराध करने वालों को पीड़ित बताने के लिए घर की महिलाओं को फंसाने का विलाप कर रहे हैं, वे बताएं कि इन महिलाओं ने रेलवे में चौथी श्रेणी की नौकरी पाने वाले हृदयानंद चौधरी से 60 लाख की कीमती शहरी जमीन दान में क्यों ले ली ?
उन्होंने कहा कि हृदयानंद चौधरी ने पटना के पास दानापुर थाना क्षेत्र के अन्तर्गत महुआ बाग की 3,375 वर्गफीट भूमि तेजस्वी यादव की पांचवीं बहन हेमा यादव को मुफ्त में दान क्यों कर दी ? इस महान दानी ने हेमा यादव को ही क्यों भूमिदान के योग्य समझा? क्यों चौधरी ने ही स्टाम्प ड्यूटी के तौर पर 6.28 लाख रुपये भी स्टेट बैंक की मुख्य शाखा में जमा कराये ?
मोदी ने कहा कि राजद के प्रवक्ताओं को इन सवालों का जवाब देना चाहिए जबकि वे आरोपित को प्रताड़ित बताने की राजनीति कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि राबड़ी देवी और हेमा यादव को जो जमीन दान में मिली, उसे राजद के एमएलसी अबू दोजाना की कंपनी से करोड़ों में बेच दिया गया। ईडी मनी लांड्रिंग के इस मामले की जांच कर रही है।
भाजपा सांसद ने कहा कि राबड़ी देवी को 31 लाख रुपये मूल्य की और हेमा यादव को 62 लाख की जमीन दान में देने वाले ललन चौधरी विधान परिषद में चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी हैं। उन्होंने कहा कि ललन चौधरी और हृदयानंद चौधरी दरअसल लालू परिवार के काले धन और बेनामी सम्पत्ति को सफेद (वैध) करने का जरिया बने। राजद इन तथ्यों पर राजनीति का पर्दा डालना चाहता है।