Nalanda: रामनवमी जुलूस के दौरान हुई हिंसा के बाद नालंदा जिले के बिहारशरीफ में लोगों की जिंदगी वापस पटरी पर लौटने लगी है। इसी बीच हिंसा के आरोपितों के खिलाफ कुर्की की प्रक्रिया शुरु होते ही 8 आरोपियों ने पुलिस के समक्ष सरेंडर कर दिया है। गौरतलब हो कि कोर्ट के आदेश पर नालंदा पुलिस ने शुक्रवार को 11 आरोपितों के घर इश्तेहार चिपकाया था। इश्तेहार चिपकाने के बावजूद पुलिस के समक्ष उपस्थित नहीं होने के बाद 9 आरोपितों के घरों की कुर्की की प्रक्रिया पुलिस ने शनिवार को शुरू की थी। कुर्की की कार्रवाई शुरू होने के बाद बजरंग दल के जिला संयोजक कुंदन कुमार,पप्पू मियां समेत 8 आरोपितों ने आज पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। पप्पू मियां से पुलिस की पूछताछ जारी है साथी थाना पुलिस फारबिसगंज से उनके लिंक को भी खंगालने में जुटी है।
उल्लेखनीय है कि नालंदा के बिहारशरीफ में रामनवमी जुलूस के दौरान हिंसा हुई थी।जिसके कारण विधि व्यवस्था के साथ पूरे देश में बिहार की नकारात्मक छवि बनी थी।रोहतास सहित नालंदा एवं अन्य स्थानों पर हुए हिंसा को पुलिस महानिदेशक आर एस भट्टी ने गंभीरता से लेते हुए आरोपियों की शिनाख्त कर कार्रवाई का आदेश दिया था।जिसके आलोक में ताबड़तोड छापेमारी के साथ आरोपियों की गिरफ्तारी और आत्म समर्पण के लिए कुर्की जब्ती जैसे कठोर कार्य पुलिस के द्वारा की जा रही है।इसी के आलोक में नालंदा हिंसा के आठवें आरोपी पप्पू मियां ने फारबिसगंज थाना में पुलिस की दबिश के कारण सरेंडर किया है। थाना में सरेंडर करने बाद उससे पूछताछ जारी है। नालंदा हिंसा में नौ दोषियों को चिह्नित किया गया था और सभी फरार थे। पप्पू मियां के सरेंडर करने से पहले सात आरोपी सरेंडर कर चुके थे। अब आठवें आरोपी ने भी सरेंडर कर दिया है.।अब सिर्फ एक आरोपी बचा हुआ है।
रामनवमी के दौरान निकाली गई शोभा यात्रा पर एक पक्ष के लोगों ने पथराव शुरू कर दिया था, जिसके बाद हालात इतने बिगड़ गए कि जिला प्रशासन को धारा 144 लागू करना पड़ गया। हिंसा मामले में पुलिस ने तीन थानों में 15 केस दर्ज किए हैं। अब तक 132 उपद्रवियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। पुलिस ने अब तक 19 लोगों को रिमांड पर लेकर पूछताछ की है जबकि कुछ और लोगों को रिमांड पर लिए जाने की बात कही जा रही है। इस मामले में सीजेएम ने नालंदा एसपी से हिंसा का फुटेज उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।
सासाराम में आठवें दिन इंटरनेट सेवा बहाल, सोशल मीडिया पर रहेगी प्रशासन नजर
रोहतास जिले के सासाराम में रामनवमी के जुलूस के दौरान हुई हिंसा की घटनाओं को लेकर 31 मार्च से बंद इंटरनेट सेवा को बहाल कर दिया गया है। जिले में शनिवार सुबह से इंटरनेट सेवा की सुविधा लोगों को मिलने लगी है। 9 दिनों से इंटरनेट सेवा बंद रहने से जिलों के लाखों लोगों को परेशानी झेलनी पड़ी लेकिन अब लोगों ने राहत की सांस ली है और इंटरनेट से जुडी कई सेवाओं के लिए अब वे परेशानी से मुक्त हो गए हैं। रमजान के अवसर होने वाली ऑनलाइन शॉपिग सहित रोजमर्रा की जरूरतों के लिए इंटरनेट की सेवाएं शुरू होने से लोगों की कई प्रकार की खरीददारी आसान हो गई है। वहीं इंटरनेट शुरू होने से ऑनलाइन पढ़ाई करने वालों को भी बड़ी राहत मिली है। हालांकि इंटरनेट सेवा शुरू होने के बाद प्रशासन और ज्यादा मुस्तैद है। सोशल मीडिया पर खास कर ध्यान रखा जा रहा है। इसके पहले सासाराम में हुई हिंसा और उपद्रव की घटनाओं के बाद जिला प्रशासन के आदेश से इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई थी। इस वजह से आम लोगों के साथ ही विद्यार्थियों को भारी मुसीबत झेलनी पड़ी थी।
जिलाधिकारी धमेंद्र कुमार ने कहा है कि धार्मिक भावनाओं को भडकाने वाली और आपत्तिजनक पोस्ट पर नजर रखी जायेगी। ऐसा करने वाले पर एफआईआर दर्ज की जायेगी और जरूर पड़ने पर गिरफ्तार भी किया जायेगा। इंटरनेट का प्रयोग सकारात्मक रूप में करेंगे। इसके लिए अलग से टीम का गठन किया गया है। उन्होंने बताया कि जिला में अब स्थिति सामान्य है। फिर भी प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है।
बताया जा रहा है कि अधिकांश बाजारों में अब आम दिनों की भांति दुकानें खुलने लगी है। सुबह से ही बड़ी संख्या में लोग खरीददारी के लिए सासाराम आने लगे हैं। सड़कों पर चहल पहल भी फिर से सामान्य होने लगा है। हालांकि पुलिस की ओर से सुरक्षा के व्यापक इंतजाम अभी भी जारी हैं। संवेदनशील इलाकों पर नजर रखी जा रही है। सामाजिक सौहार्द को बढ़ावा देने के लिए दोनों समुदायों के लोगों ने कल एक अच्छी पहल की।जुम्मे की नमाज के बाद हिंदू लोगों की ओर से मुस्लिमों को गुलाब भेंट किया गया। इस दौरान मुस्लिम भाई भाव विभोर हो गये।
उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व रामनवमी के दौरान उपद्रव की घटनाएं देखने को मिली थी। इस वजह से सासाराम में पुलिस ने उपद्रवियों से निपटने के लिए विशेष इंतजाम किया था। व्यापक स्तर पर फ्लैग मार्च किया गया। राज्य एक डीजीपी आरएस भट्टी ने भी सासाराम का दौरा किया और जमीनी स्थिति को जाना। सासाराम के कई स्थानों को चिन्हित कर वहां खास नजर रखी गयी। नौ दिनों बाद आज वहां की स्थिति पूरी तरह समान्य हो पायी।