गुमला। भाकपा माओवादी पोलित ब्यूरो सदस्य प्रशांत बोस और उनकी पत्नी शीला मरांडी की गिरफ्तारी के विरोध में नक्सलियों द्वारा बुलाए गए तीन दिवसीय बंद के अंतिम दिन गुरुवार देर रात माओवादियों ने कुरुमगढ़ थाना के नवनिर्मित थाना भवन को विस्फोट कर उड़ा दिया। यह भवन थाना मुख्यालय से करीब दो किमी दूर कोटाम बेहरा टोली में स्थित है। ग्रामीणों के अनुसार धमाका इतना जोरदार था कि कि कई किलोमीटर तक इसकी आवाज सुनाई पड़ी। वहीं इस धमाके से अन्य घरों में भी कंपन महसूस किया गया। जानकारी अनुसार नवनिर्मित थाना भवन में काम कर रहे सात मजदूर सोए हुए थे। रात करीब 12:15 बजे नक्सलियों ने इन मजदूरों को उठाया और उन्हें एक किलोमीटर दूर ले जा कर रखा। गौरतलब हो कि कुरुमगढ थाना क्षेत्र अति नक्सल प्रभावित इलाका है। हाल ही में मुठभेड़ में पुलिस ने एक शीर्ष नक्सली बुद्धेश्वर उरांव को मार गिराया था।
नक्सलियों की संख्या 150 से 200 के आसपास थी। रात में नक्सलियों ने भवन में विस्फोटक सामग्रियां लगाकर थाना भवन को उड़ा दिया। मौके पर नक्सलियों द्वारा कई हस्तलिखित पर्चा भी छोड़ा गया है। पर्चा में लिखा गया है कि न्याय प्रिय, जनवाद पसंद, प्रगतिशील एवं प्रबुद्ध नागरिकों से अपील है कि 74 साल से भी अधिक उम्र के वयोवृद्ध भाकपा माओवादी के नेता कामरेड किशन दा और नारी मुक्ति संघ की नेत्री शीला दी सहित गिरफ्तार किए गए तमाम कामरेडो के विरोध, उनके साथ किए जा रहे मानवाधिकार हनन एवं मानवीय यातनाओं के खिलाफ जोरदार आवाज उठाएं।गुमला एसपी डॉ. एहतेशाम वकारीब ने बताया कि घटनास्थल पर पुलिस पहुंच कर पूरे मामले की जांच कर रही है। घटना में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।
उल्लेखनीय है कि शीर्ष नेता की गिरफ्तारी के विरोध में नक्सली संगठन भाकपा माओवादी ने 23 से 25 नवंबर तक चार राज्यों झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ में बंद बुलाया था। चार दिनों के अंतराल में नक्सलियों की ओर से दूसरी बार बंद बुलाया गया था। इसके पहले 20 नवंबर को बुलाये गये बंद के दौरान झारखंड में नक्सलियों ने लातेहार और पश्चिमी सिंहभूम (चाईबासा) जिले के चक्रधरपुर में रेल की पटरियां उड़ा दी थीं। बंद के दौरान पुलिस और सुरक्षा बलों की मुस्तैदी की वजह से नक्सली कोई बड़ी घटना को अंजाम नहीं दे सके।