रांची।

आरपीएफ अफसर के घर से मुक्त कराई गई नाबालिग दुष्कर्म पीड़िता के मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने रांची के एसएसपी को प्रकरण में त्वरित कार्रवाई का निर्देश दिया है। आयोग ने बालिका की गोपनीयता को हर स्तर पर सुनिश्चित करते हुए मामले की पूरी जानकारी सात दिनों में देने को भी कहा है। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने पॉक्सो एक्ट के तहत दर्ज प्राथमिकी की सत्य प्रतिलिपि सहित आरोपी के खिलाफ कृत कार्रवाई, मेडिकल रिपोर्ट, पीड़िता का 164 का बयान, सीडब्ल्यूसी के आदेशो व निर्देशो की प्रतिलिपि, कांउसेलिंग की विवरणी व मुआवजा दिलाने के लिए उठाए गए कदम व अन्य बिंदुओ पर जानकारी मांगी है।
मालूम हो कि रांची के चुटिया थाना क्षेत्र में अधिकारियों के लिए बने अतिथि गृह में रहने वाले मुख्य सतर्कता पदाधिकारी सह ओएसडी मो. साकिब के घर में रहने वाली एक 14 वर्षीय नाबालिग आदिवासी लड़की के साथ दुष्कर्म का मामला सामने आया था। इस मामले में बिना प्राथमिकी दर्ज कराए आरोपी आरक्षी ठाकुर शंभूनाथ को बर्खास्त किया गया था। हालांकि बाद में बर्खास्तगी के आदेश को वापस लेते हुए हाजीपुर रेल मुख्यालय ने उसे जांच होने तक निलंबित किया है और मामले की जांच आरपीएफ के डीआईजी डीके मौर्या कर रहे है।