कटिहार के मुफ्फसिल थाना क्षेत्र में हुई एक मोबाइल लूट की घटना ने जिले में चल रहे एक बड़े फर्जीवाड़े का पर्दाफाश कर दिया। पुलिस ने लूटकांड के सिलसिले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया और उनसे पूछताछ में एक रजिस्ट्री घोटाले का खुलासा हुआ। एसडीपीओ सदर ने प्रेस कांफ्रेंस कर बताया कि लूटकांड में शामिल बदमाश रजिस्ट्री ऑफिस से दस्तावेज चोरी कर जमीन की फर्जी रजिस्ट्री का धंधा कर रहे थे। इस घोटाले में कटिहार रजिस्ट्री ऑफिस के कुछ कर्मियों की मिलीभगत का शक भी जताया जा रहा है।
लूटकांड से शुरू हुई जांच
19 सितंबर को मुफस्सिल थाना क्षेत्र में मोबाइल लूट की घटना घटी थी, जिसमें चार अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। पुलिस ने गहन जांच के बाद इस कांड में संलिप्त अपराधियों की पहचान की और जब्बार गरभेली निवासी मकसूद आलम और मोमिन टोला के निवासी कुर्बान को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार आरोपियों से आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज कर पूछताछ की गई, जिसमें कई चौंकाने वाले खुलासे हुए।
रजिस्ट्री घोटाले का खुलासा
पूछताछ के दौरान आरोपियों ने बताया कि वे कटिहार रजिस्ट्री ऑफिस के कुछ कर्मचारियों के साथ मिलकर दस्तावेज और रजिस्टर चोरी करते थे। चोरी किए गए दस्तावेजों का इस्तेमाल बाहर रहने वाले लोगों की जमीन को फर्जी तरीके से रजिस्ट्री कराने और नामांतरण करने में किया जाता था। इन फर्जी रजिस्ट्रियों में बड़े पैमाने पर धांधली की जा रही थी, जिसमें निबंधन कार्यालय और अंचल कार्यालय के कुछ कर्मियों की मिलीभगत भी सामने आ सकती है।
छापेमारी में बरामद हुए रजिस्टर
लूटकांड में गिरफ्तार आरोपियों ने पुलिस को बताया कि उनके दो और साथी इस अपराध में संलिप्त हैं। पुलिस ने डंडखोरा थाना क्षेत्र में हाजी टोला के इजहारूल खान और कैफी उर्फ महबूब खान के घर पर छापा मारा, जहां से कटिहार रजिस्ट्री ऑफिस से चोरी किए गए रजिस्टर बरामद हुए। इस कार्रवाई में दोनों आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया गया।
बड़े गिरोह का पर्दाफाश
आरोपियों ने यह भी खुलासा किया कि चोरी किए गए रजिस्टर उनके साथी राजब खान को सौंप दिए गए थे। हालांकि, जब राजब खान के खिलाफ मामला दर्ज हुआ, तो आरोपियों ने डर के मारे सभी दस्तावेज वापस कर दिए। इस खुलासे के बाद पुलिस ने राजब खान की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी शुरू कर दी है।
कटिहार पुलिस ने एक साधारण लूटकांड की जांच के दौरान एक बड़े जमीन रजिस्ट्री घोटाले का खुलासा किया है, जिसमें सरकारी कर्मियों की मिलीभगत का शक जताया जा रहा है। इस घोटाले से जिले में कई लोगों की जमीन फर्जी तरीके से नामांतरित की जा रही थी। पुलिस मामले की गंभीरता से जांच कर रही है और दोषियों की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी कर रही है