झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर विधानसभा चुनाव के दौरान सभी स्टार प्रचारकों को समान अवसर देने की मांग की है। पार्टी ने इस पत्र में चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का हेलीकॉप्टर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा के नाम पर डेढ़ घंटे तक रोका गया।
झामुमो का आरोप
झामुमो के प्रवक्ता और महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने इस मामले में कहा कि निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट रूप से कहा था कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा के लिए 50 किलोमीटर के दायरे में उड़ान प्रतिबंधित होती है, जो सामान्यतः 15 मिनट के लिए लागू किया जाता है। लेकिन, इस बार मुख्यमंत्री का हेलीकॉप्टर डेढ़ घंटे तक रोका गया, जो स्पष्ट रूप से सुरक्षा के नाम पर अनुचित है।
राष्ट्रपति को पत्र में क्या कहा गया
भट्टाचार्य ने राष्ट्रपति को लिखे पत्र में कहा है, “हमारी पार्टी चुनावी प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की असमानता को स्वीकार नहीं करेगी। हमारा मानना है कि संघर्षरत जनजातीय जन-प्रतिनिधियों को हर प्रकार की संवैधानिक सुरक्षा और अधिकार मिलना चाहिए।” उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे मामलों में हस्तक्षेप करना आवश्यक है ताकि चुनावी प्रक्रिया निष्पक्ष और पारदर्शी बनी रहे।
चुनावी कार्यक्रम पर असर
सुप्रियो भट्टाचार्य ने पत्र में स्पष्ट किया है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 1.45 बजे पश्चिमी सिंहभूम में एक चुनावी सभा की थी और 2.45 बजे सिमडेगा में दूसरी सभा करने वाले थे। गुदरी और चाईबासा की दूरी 80 किलोमीटर है जबकि सिमडेगा से गुदरी की दूरी 90 किलोमीटर है। चुनाव आयोग ने सोरेन की सभा के लिए अनुमति दे दी थी, लेकिन सुरक्षा कारणों का हवाला देकर हेलीकॉप्टर को रोक दिया गया।
राजनीतिक मंथन
झामुमो के इस कदम को देखते हुए राजनीतिक हलकों में हलचल तेज हो गई है। पार्टी ने स्पष्ट किया है कि वे चुनाव आयोग से इस मुद्दे पर संतोषजनक उत्तर की अपेक्षा करते हैं और यदि स्थिति में सुधार नहीं हुआ, तो वे अन्य विकल्पों पर विचार करने को बाध्य होंगे।
अपराधी उम्मीदवारों की संख्या
इस पत्र को लिखने के साथ-साथ झामुमो ने यह भी जानकारी दी है कि झारखंड विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 174 प्रत्याशियों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। पार्टी ने यह आंकड़ा सार्वजनिक करते हुए जनता को जागरूक करने का प्रयास किया है। भट्टाचार्य ने कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को इस पत्र के माध्यम से संवैधानिक सुरक्षा और समान अवसर सुनिश्चित करने की दिशा में आवश्यक कदम उठाने का आग्रह किया गया है। चुनावी प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की बाधा या असमानता को लेकर पार्टी गंभीर है और इस मुद्दे को उठाते रहेंगे।
इस पत्र के माध्यम से झामुमो ने स्पष्ट कर दिया है कि वे अपनी बात रखने से पीछे नहीं हटेंगे और चुनावी मैदान में समान अवसर की अपनी मांग पर अडिग रहेंगे। अब देखना यह है कि राष्ट्रपति इस मामले में क्या कदम उठाते हैं और चुनाव आयोग इस पर क्या प्रतिक्रिया देता है