कानपुर।
दीपावली की रात कानपुर में 6 साल की बच्ची की हुई हत्या मामले में पुलिस ने दिल दहला देने वाला खुलासा किया है।संतान की चाहत में एक दंपति ने बच्ची की हत्या की साजिश रची थी।इस मामले में पुलिस ने दंपती समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया है। बच्ची की हत्या के पहले उसके साथ दुष्कर्म भी किया गया था। इतना ही नहीं उसकी हत्या के बाद उसके कई अंगों को निकाल लिया गया था। पुलिस के अनुसार बच्ची की हत्या एक निसंतान दंपत्ति ने अपने भतीजे से कराई थी। पुलिस की पूछताछ में दंपत्ति के भतीजे ने पूरी घटनाक्रम पुलिस को बताया। उसने पुलिस को बताया कि वह अपने दोस्त के साथ मिलकर मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म किया और गला दबाकर उसकी हत्या कर दी। बाद में उसका लीवर निकालकर चाचा -चाची को दे दिया। चाचा- चाची ने लीवर का कुछ हिस्सा खाया और बाकी फेंक दिया। उसने बताया कि हत्या के बदले में उसके चाचा ने उसे 500 और उसके दोस्त को ₹1000 दिए थे।
पड़ोस की दुकान पर सामान लाने गई बच्ची हुई थी गायब
ग्रामीण एसपी बृजेश श्रीवास्तव ने बताया कि यह घटना घाटमपुर थाना क्षेत्र के बद्रस गांव की है। दीपावली के दिन 7 साल की बच्ची पड़ोस के दुकान पर कुछ सामान लाने गई थी लेकिन घर नहीं लौटी थी। परिजन रात भर उसकी तलाशी करते रहे। पुलिस को सूचना दिए जाने के बाद सुबह काली मंदिर के पास से बच्ची का लाश क्षत-विक्षत हालत में बरामद किया गया। शरीर पर कपड़े नहीं थे। वहीं पास में ही खून से सनी उसकी चप्पलें पड़ी थी। मौके पर छानबीन में पुलिस ने तंत्र मंत्र के कारण वारदात को अंजाम देने की आशंका जताई थी। ऐसा दीपावली के दिन अघोरी साधना वाले अनुष्ठान को लेकर जताया गया था। वही बच्ची के कई अंदरूनी अंग भी गायब थे।
छानबीन के दौरान पुलिस को मिली जानकारी
छानबीन के दौरान पुलिस ने गांव से अंकुल और वीरेंद्र नाम के दो लड़के को गिरफ्तार कर पूछताछ शुरू की थी। पहले तो लड़कों ने पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की। मगर आखिर में वे टूट गए और सच्चाई पुलिस के सामने बयां कर दी। अंकुल ने बताया कि उसके चाचा परशुराम ने उसे बताया था कि उसने एक किताब में पढ़ा है कि अगर किसी बच्ची का कलेजा वह अपनी पत्नी के साथ मिलकर खाएं तो संतान की प्राप्ति होगी। इसके लिए उसके चाचा ने उसे कुछ पैसे दिए।
परशुराम की शादी 1999 में हुई थी उसे कोई संतान नहीं था
घटना को अंजाम देने के पहले उसने अपने दोस्त बिरन के साथ शराब पी और फिर पड़ोस में रहने वाले बच्ची को पटाखा दिलाने के बहाने जंगल में ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म की और फिर गला दबाकर उसे मार डाला। बाद में पेट फाड़कर सारे अंग निकाल लिए और अपने चाचा को लाकर दे दिए। एसपी श्रीवास्तव ने बताया कि परशुराम की शादी 1999 में हुई थी उसे कोई संतान नहीं था। संतान की चाहत में उसने अपने भतीजे को बच्ची का कलेजा लाने के लिए तैयार किया था।
पूरी घटना की साजिश परशुराम और उसकी पत्नी सुनैना ने रची थी। पुलिस ने दोनों को हिरासत में ले लिया गया है। फिलहाल दोनों से गहनता से पूछताछ की जा रही है। वही अंकुर और वीरेन को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। इधर इस घटना को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गंभीरता से लेते हुए अफसरों को घटना का खुलासा कर आरोपियों को गिरफ्तार करने के निर्देश दिए थे। जिसके बाद कानपुर की पुलिस ने तेजी दिखाते हुए सोमवार देर रात घटना का खुलासा कर दिया।