भागलपुर/देवघर । सावन के पहले दिन गुरूवार की सुल्तानगंज के अजगैबीनाथ धाम में कांवरियों से पूरा इलाका पट गया। यहां उत्तरवाहिनी गंगा में स्नान कर और पवित्र जल लेकर बैद्यनाथ धाम के लिए रवाना हो गए। ऐसी मान्यता है कि सावन मास में बाबा भोलेनाथ को पवित्र उत्तरवाहिनी गंगा जल से अभिषेक करने पर सारी मनोकामनाएं पूरी होती है। उधर जिला प्रशासन द्वारा कांवरियों कि सुरक्षा व्यवस्था के लिए सुल्तानगंज में पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। गंगा घाटों में पुलिस बल और महिला पुलिस बल कि भारी सुरक्षा व्यवस्था देखी जा रही है। विभिन्न चौक चौराहों पर सीसीटीवी कैमरा लगाए गए हैं। कच्ची कांवरिया पथ में भी जगह जगह पुलिस बल कि तैनाती कि गई है।
सावन के पहले दिन सुबह से ही अजगैबीनाथ धाम में बिहार झारखंड सहित अन्य राज्यों के कांवरिया उत्तरवाहिनी गंगा पहुचकर गंगा स्नान कर अजगैबीनाथ धाम में बाबा भोलेनाथ के शिवलिंग पर गंगा जल का अभिषेक कर पूजा अर्चना करते हुये बोल बम के जयकारों के साथ बाबा बैद्यनाथ धाम के लिये रवाना हुए।
इसी को लेकर खासकर बिहार झारखंड सहित अन्य राज्यों के कांवरिया अजगैबीनाथ धाम पहुचते हैं। पंडित अशोक झा ने बताया कि सावन माह में उत्तरवाहिनी गंगा में स्नान कर भोलेनाथ का जलाभिषेक करने से सारी मनोकामनाएं पूरी होती है। इसलिए बिहार, झारखंड सहित अन्य प्रदेशों के शिवभक्त सुल्तानगंज के उत्तरवाहिनी गंगा में स्नान कर जल भरकर बैद्यनाथ धाम के लिए रवाना होते हैं।
बोल बम और हर हर महादेव के जयघोष से बाबा नगरी गूंजने लगी है
दो साल बाद एक माह तक चलने वाला विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला गुरुवार से शुरू हो गया है। बोल बम और हर हर महादेव के जयघोष से बाबा नगरी गूंजने लगी है। राज्य के विभिन्न शिवालयों में श्रद्धालुओं ने भगवान शिव पर जलार्पण किया। दो वर्ष बाद श्रद्धालुओं का उत्साह देखते ही बन रहा है। देवघर के बैद्यनाथ धाम, दुमका के बाबा बासुकीनाथ और रांची के पहाड़ी मंदिर समेत अन्य शिव मंदिरों में श्रद्धालु बाबा के जलाभिषेक के लिए सुबह से ही पहुंचने लगे थे।
देवघर जिला प्रशासन की ओर से बाहर से आने वाले श्रद्धालु को किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो, इसको लेकर सभी तैयारी की गई है। करीब एक माह तक चलने वाले इस श्रावणी मेला में बिहार और झारखंड से ही नहीं, बल्कि कई अन्य राज्यों से भी श्रद्धालु आते हैं। इसकी बानगी दिखने लगी है। मुम्बई, राजस्थान के बाद अब यहां सिक्किम के श्रद्धालु भी पहुंचने लगे हैं। बताया जाता है कि दो वर्ष पूर्व श्रावणी मेला में करीब 40 लाख लोग पहुंचे थे। इस वर्ष यह अनुमान लगाया जा रहा है कि करीब एक करोड़ लोग यहां पहुंचेंगे।
मेले के पहले दिन गुरुवार को अहले सुबह 03:05 बजे मंदिर का पट खोला गया। इसके पश्चात 04:00 बजे से अर्घा के माध्यम से जलार्पण शुरू हुआ। मेला के पहले दिन से ही शिवभक्तों की गूंज से बाबा मंदिर और आसपास का क्षेत्र गुंजायमान है। बाबा मंदिर परिसर सहित आसपास के क्षेत्रों में जिला प्रशासन मुस्तैदी के साथ श्रद्धालुओं की मदद को तैयार दिख रहा है।
डीसी मंजूनाथ भजंत्री के निर्देशानुसार विधि व्यवस्था, सुरक्षा व्यवस्था तय की गयी है। इसके अलावा श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मेला क्षेत्र में होल्डिंग प्वाइंट, आवासन, पेयजल, शौचालय, स्वास्थ्य सुविधा, साफ-सफाई की भी व्यवस्था बनाए रखने का काम लगातार सुनिश्चित किया जा रहा है। स्थाई और अस्थाई ओपी, ट्रैफिक ओपी के साथ मेला क्षेत्र से संबंधित विभाग के अधिकारियों, प्रतिनियुक्त दंडाधिकारियों, पुलिस पदाधिकारियों को सेवा भाव और विनम्रता से अपने कर्तव्य पर एक्टिव रहने का निर्देश दिया गया है।
जिला प्रशासन ने श्रद्धालुओं के लिए सुगम, कतारबद्ध और सुरक्षित जलार्पण कराने की व्यवस्था पर विशेष जोर दिया है। इस उद्देश्य से सम्पूर्ण मेला क्षेत्र में प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी, पुलिस पदाधिकारियों को अपने-अपने चिन्हित स्थलों पर एक्टिव मोड में कार्यरत रहने को कहा गया है। साथ ही जलार्पण के लिए कतारबद्ध कांवरियों को नेहरू पार्क से मानसिंघी फुट ओवर ब्रिज होते हुए बाबा मंदिर के गर्भ गृह में लगे अर्घा के माध्यम से जलार्पण कराया जा रहा है। साथ ही रूट लाइन के हर प्वाइंट पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम भी किये गये हैं। इसकी निगरानी खुद डीसी लगातार अपने स्तर से कर रहे हैं। राजकीय श्रावणी मेला बासुकीनाथ का भी उत्साह, उल्लास बासुकीनाथ (दुमका) में खूब दिख रहा है।