Nawada: बिहार-झारखंड सीमा पर स्थित चितरकोली पंचायत के समेकित जांच चौकी पर इंट्री का खेल इन दिनों काफी जोर-शोर से चल रहा है। राष्ट्रीय राजमार्ग 31 को बदल कर 20 किया गया है। इन दिनों इंट्री माफिया के काले धंधे में शामिल लोग चांदी काट रहे हैं।
इंट्री माफिया का नेटवर्क रजौली से राजधानी तक फैला है। प्रतिदिन जांच चौकी से हजारों ट्रकों का आवागमन होता है ।कहने को अधिकारी लगातार कार्रवाई करते हैं पर सच यह है कि महीने में कभी कभार कार्रवाई होती है। रजौली जांच चौकी पर बड़े ही आराम से इंट्री माफिया अपने इस गोरखधंधे को अंजाम देते हैं। काले कारनामे से सरकारी राजस्व को भारी चूना लगाने का खेल जारी है। बेखौफ इंट्री माफिया अपना जलवा रजौली के नेशनल हाईवे पर कायम हैं और इनका किनका संरक्षण प्राप्त है यह जांच का विषय है।
सूत्र के मुताबिक इंट्री माफियाओं की सांठ-गांठ अधिकारियों से लेकर गृहरक्षकों तक है जो इनके लिए जासूसी का काम करते हैं। कब निकलना होता है या कब नहीं यह उनके द्वारा बताए गए समय के अनुसार ट्रकों को निकालते हैं। इसके अलावा जांच चौकी पर तैनात गृहरक्षकों के द्वारा वाहनों से दिन दहाड़े ओवरलोड ट्रकों से पैसा लेकर बिहार में आसानी से प्रवेश करा दे रहे हैं। इनसे अगर पूछताछ की जाए तो सभी माफियाओं के नामों का खुलासा आसानी से हो सकता है।गृहरक्षक जवान जांच चौकी पर तैनाती करने के लिए लिए हमेशा लालायित रहते हैं, क्योंकि यहां अवैध काली कमाई भरपूर रूप से होती है।
इंट्री माफियाओं खेल का राज
पिछले कई वर्षों से इंट्री का खेल बंगाल एवं झारखंड के रास्ते बिहार में प्रवेश करने वाले वैसे ट्रकों की होती है,जिसमें बिना कागजात,ओवरलोड,अवैध सामान आदि लदा होता है। उन्हें सुरक्षित तरीके से राज्य के कई जिले से गंतव्य तक जाने के लिए शुल्क तय कर दी गई है। जब तक इंट्री के धंधे में शामिल लोगों के द्वारा चालकों से राशि वसूल नहीं कर ली जाती, तब तक उस ट्रक को इंट्री नहीं मिलती है। अगर जोर जबरदस्ती कर ट्रक चालक चल भी देता है तो किसी न किसी बहाने उसको पकड़वा दिया जाता है। इसके बाद ओवर लोड या फिर कागजातों में कमी आदि के नाम पर कार्रवाई की जद में आकर ट्रक मालिक को नुकसान झेलना पड़ता है। वसूले गये रुपये में पदाधिकारियों व उनके चमचों में वितरण किया जाता है,जिसे माफिया इंट्री का नाम देते हैं। यही कारण है कि मजबूर ट्रक चालकों को समझौता करना पड़ता है।
निर्माण सामग्रियों को ढोने वाले ज्यादा निशाने पर रहते हैं। इलाके में छरी -बालु ढोने वाले ट्रक को एंट्री दिलाने में दिन-रात इंट्री माफिया का दलाल सक्रिय रहते हैं। झारखंड से प्रतिदिन सैकड़ों गिट्टी लदे ट्रक बिहार में बेरोकटोक प्रवेश इनके द्वारा कराया जाता है।उनसे मोटा उगाही कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की जिम्मेदारी निभाते हैं। इससे सरकारी राजस्व का चूना लग रहा है।
रजौली चेक पोस्ट से लेकर राजधानी तक फैले हैं इंट्री माफिया सरदार
बंगाल- झारखंड से आने वाले ट्रकों का झारखंड सीमा समाप्त होते ही बिहार के समेकित जांच चौकी से प्रवेश करते ही इंट्री माफिया के ट्रक वालों के साठ-गांठ का एक नेटवर्क तैयार किया जाता है। जिसके मार्फत इंट्री का खुलेआम खेल खेला जाता है। सूत्र के मुताबिक इस काले धंधे में सफेदपोशों के सांठगांठ से इंट्री माफिया बड़े ही सुनियोजित तरीके से इस कार्य को अंजाम दे रहे हैं।दर्जनों लोग वाहन इंट्री के इस गोरखधंधे में शामिल हैं। इनलोगों के सहयोग से इंट्री माफिया रजौली से लेकर राजधानी तक बैठकर समेकित जांच चौकी रजौली को चला रहे हैं।
क्या कहते हैं अधिकारी:
एसडीपीओ पंकज कुमार ने जानकारी देते हुये बताया कि इंट्री माफिया का मामला में मेरे संज्ञान में नहीं आया है। कुछ दिन पूर्व जाम कि सूचना मिलने पर कई वाहनों से फाइन भी किया गया था। जांच कर अग्रतर करवाई की जाएगी।