रांची। दस जून को प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा और उपद्रव को गंभीरता से लेते हुए राज्यपाल रमेश बैस ने सोमवार को डीजीपी नीरज सिन्हा ,एडीजी ऑपरेशन संजय आनंद, डीजीपी नीरज सिन्हा एडीजी ऑपरेशन संजय आनंद लाटेकर, उपायुक्त छवि रंजन और एसएसपी सुरेंद्र झा को राजभवन में तलब किया। राज्यपाल ने मामले में की गई कार्रवाई व तैयारी की पूरी जानकारी ली। इसके बाद उन्होंने विधि व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त बनाए रखने का आदेश अधिकारियों को दिया।
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उन्होंने पूछा कि जुलूस के संचालन के दौरान कितने सुरक्षा कर्मी और दंडाधिकारी वहां उपस्थित थे। आप लोगों ने निवारक कार्रवाई क्यों नहीं की। राज्यपाल ने पूछा कि वहां पर वाटर कैनन, रबड़ बुलेट और आंसू गैस का क्यों इस्तेमाल नहीं किया गया। वहां इन चीजों की व्यवस्था क्यों नहीं थी। डीजीपी नीरज सिन्हा ने बताया कि आईबी के इनपुट के अनुसार 150 लोगों के अराजकता पैदा करने की आशंका थी। राज्यपाल ने पूछा कि पुलिस अधिकारियों और पुलिसकर्मी हेलमेट और सुरक्षात्मक गियर भी नहीं पहने हुए थे। उन्होंने पूछा कि अभी कितनी गिरफ्तारियां हुई है और कितने केस दर्ज हुए है। सभी प्रदर्शनकारियों और पकड़े गए लोगों का विवरण प्राप्त करें, उनके नाम/पते सार्वजनिक करें, शहर में मुख्य स्थानों पर उनकी तस्वीरें प्रदर्शित करके उनके होर्डिंग बनाएं ताकि जनता भी उन्हें पहचान सके और पुलिस की मदद कर सके। उन्होंने कहा कि जो लोग इन घटनाओं के बारे में या सोशल मीडिया के माध्यम से अफवाहें फैला रहे हैं, क्या आपने उनकी पहचान की है और उनके खिलाफ कोई कार्रवाई की है।
ऐसे सभी लोगों की पहचान कर उन्हें सजा देने की जरूरत है। इसके अलावा राज्यपाल ने बीते सप्ताह में घटित निम्नलिखित घटनाओं पर भी डीजीपी का ध्यान आकर्षित करते हुए पूछा कि अब तक इन मामलों में क्या कार्रवाई की गयी है। इन मामलों में गुमला में दुष्कर्म के आरोपित युवक को भीड़ द्वारा जिंदा जलाकर मारने, रांची के जेवर कारोबारी राजेश कुमार पाल की हत्या करने, आदित्यपुर में तीन युवकों की गोली मारकर हत्या करने, जमशेदपुर में गवाही देने पर घर में घुसकर युवक मनप्रीत की गोली मारने की घटना शामिल है। राज्यपाल ने निर्देश दिया कि इन सबकी जानकारी उन्हें अतिशीघ्र उपलब्ध कराई जाये।
इससे पूर्व राज्यपाल ने इससे पहले भी डीजीपी को फोन कर घटना में शामिल लोगों को शीघ्र गिरफ्तार करने का निर्देश दिया था। इतना ही नहीं, राज्यपाल रमेश बैस ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भी फोन कर घटना की जानकारी ली थी।उल्लेखनीय है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने रांची में हुई हिंसक घटनाओं पर सख्त रुख अपनाया है। मंत्रालय ने पूरे मामले पर झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस से पूरी रिपोर्ट मांगी है। रांची हिंसा में शामिल लोगों को चिन्हित करने को कहा गया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सारी स्थिति पर राजभवन से रिपोर्ट तलब की है।
उल्लेखनीय है कि भाजपा की निलंबित नेता नूपुर शर्मा और निष्कासित नेता नवीन जिंदल के बयान से आक्रोशित मुस्लिम समाज के लोगों ने शुक्रवार को हिंसक प्रदर्शन किया। इस दौरान उपद्रवियों ने पथराव किया। स्थिति को संभालने के लिए पुलिस को फायरिंग करनी पड़ी। इस दौरान उपद्रवियों ने भी गोलीबारी की। इस गोलीबारी में दो लोगों की मौत हुई और 13 लोग घायल हुए।