पटना। बिहार के सारण में जहरीली शराब से मौत का आंकड़ा शुक्रवार रात तक बढ़कर 71 पहुंच गया है। इस मामले में जांच के लिए जहां एसआईटी का गठन कर दिया गया है। वहीं डीएसपी पर विभागीय कार्यवाही सहित थानाध्यक्ष और चौकीदार को निलंबित कर दिया गया है। मद्यनिषेध विभाग की सात टीमें छापेमारी कर रही हैं। मशरख के अलग-अलग इलाके से 600 लीटर अवैध शराब बरामद हुई है। अब तक 48 घंटे में 150 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उधर सीएम ने विपक्ष की मांग को खारिज करते हुए कहा कि सरकार दारू पीने वाले को कोई मुआवजा नहीं देगी।
दारू पीने वालों से कोई हमदर्दी नहीं, नहीं देंगे मुआवजा : नीतीश
बिहार विधानमंडल में शीतकालीन सत्र के चौथे दिन शुक्रवार को विधानसभा में शराब से मौतों पर जोरदार हंगामा हुआ। कुर्सियां पटकीं गईं। विपक्ष सरकार को बर्खास्त करने की मांग को लेकर राजभवन पहुंच गया। नेता प्रतिपक्ष ने सरकार से मृतकों के परिवार को 10-10 लाख का मुआवजा देने की मांग की। मुख्यमंत्री ने इस मांग को अस्वीकार करते हुए कहा कि इन लोगों से हमें कोई हमदर्दी नहीं है। सभी ने दारु पी थी। कोई मुआवजा हम नहीं देंगे।
विधानसभा में हंगामे के बाद भाजपा विधायक राजभवन के लिए निकले। भाजपा ने राज्यपाल से सरकार को बर्खास्त करने की मांग की। भाजपा मुख्यमंत्री से उनके व्यवहार के लिए माफी मांगने पर अड़ी है। भाजपा विधायक वेल में पहुंचकर हंगामा करते रहे। नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने शराबकांड के लिए सरकार और प्रशासन को जिम्मेदार बताया है। उन्होंने मृतकों के परिवार के लिए 10-10 लाख के मुआवजे की मांग की है। इसके साथ कहा कि मुख्यमंत्री मौतों की जिम्मेदारी लें और अस्पताल में भर्ती लोगों का बेहतर इलाज करवाएं।
नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने कहा कि गुरुवार शाम भाजपा विधायकों का एक दल इन गावों में गया था। हमने पीड़ित परिवारों से मुलाकात की। आंकड़े छिपाने के लिए जबरदस्ती शवों का पोस्टमार्टम कराया गया है। 100 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। लोगों को ना इलाज मिला और ना अभी मिल रहा है।विजय सिन्हा ने कहा कि मुख्यमंत्री का ये बयान कि जो पिएगा वो मरेगा ये गैर जिम्मेदाराना है। मुख्यमंत्री को इस्तीफा देना चाहिए। कुर्सी की लालच में तेजस्वी भी उनकी हां में हां कर रहे हैं। 2021 में तेजस्वी ने नीतीश को शराब माफिया बताया था। तेजस्वी गिरगिट की तरह रंग बदल रहे हैं।
विजय कुमार सिन्हा ने विधानसभा अध्यक्ष की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि विपक्ष की आवाज जनता को लेकर उठ रही है उसे दबाने की कोशिश की जा रही है। एसआईटी की जांच सिर्फ दिखावे के लिए की जा रही है। हाई कोर्ट के जज के माध्यम से इस घटना की जांच हो। गुरुवार को ही भाजपा का एक प्रतिनिधिमंडल जहरीली शराब कांड में मारे गए लोगों के परिजनों से मिलने छपरा गया था। वहां से आने के बाद भाजपा के विधायक ज्यादा उग्र होंगे।