Ranchi : भाजपा प्रदेश कार्यालय में सोमवार को भाजपा विधायक दल की बैठक प्रदेश अध्यक्ष सह सांसद दीपक प्रकाश की अध्यक्षता में संपन्न हुई। बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा कि भाजपा सदन से सड़क तक राज्य की साढ़े तीन करोड़ जनता की आवाज है। उन्होंने कहा कि स्थानीय एवं नियोजन नीति, सत्ता प्रायोजित भ्रष्टाचार, ध्वस्त विधि व्यवस्था , तुष्टिकरण नीति सहित अन्य ज्वलंत मुद्दों को सदन में मुद्दा बनाकर सरकार को घेरेगी।
उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार ने राज्य को नियोजन नीति विहीन बना दिया है। राज्य सरकार की नीति और नीयत में खोट है। इनकी मंशा साफ नहीं है। उन्होंने 1932 के नाम पर युवाओं को सिर्फ धोखा दिया है। उन्होंने कहा कि राज्य में भ्रष्टाचार चरम पर है। भ्रष्टाचारियों को सत्ता का संरक्षण प्राप्त है। तभी तो ईडी की कार्रवाई के बाद भी निलंबित आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल पर राज्य सरकार ने मुकदमे दर्ज नहीं किए। पूजा सिंघल पर करप्शन एक्ट के तहत कार्रवाई करने की फाइल रोक रखी है। आखिर वे एफआईआर की अनुमति क्यों नहीं दे रहे हैं। इंजीनियर बीरेंद्र राम पकड़ा गया है। उसके मामले में भी एसीबी ने जांच की अनुमति मांगी थी, लेकिन मुख्यमंत्री और विभागीय मंत्री ने क्यों नहीं अनुमति दी।
उन्होंने राज्य की ध्वस्त विधि व्यवस्था पर बोलते हुए कहा कि भाजपा लगातार इसके खिलाफ आवाज बुलंद कर रही है। अब तो बड़कागांव के विधायक प्रतिनिधि की नृशंस हत्या के बाद सत्ताधारी कांग्रेस के विधायक एवं नेताओं ने भी राज्य सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है। उन्होंने कहा कि हर दिन आदिवासी और मूलवासी के हितैषी होने का दंभ भरने वाले हेमंत सोरेन ने 27 फरवरी से 24 मार्च तक विधानसभा का सत्र आहूत किया है। 24 मार्च को आदिवासियों का महापर्व सरहुल है। अब इस महापर्व के दिन सत्र बुलाने का क्या औचित्य है? इन्हें आदिवासी धर्म-संस्कृति से कोई लेना-देना नहीं है। ये तो लूटने और पकड़े जाने पर आदिवासी होने की दुहाई देकर बचने के लिये के ही अपनी जाति का इस्तेमाल करते हैं।
अफसरों की पोस्टिंग में मुख्यमंत्री की होती है हिस्सेदारी : बाबूलाल मरांडी
झारखंड विधानसभा बजट सत्र के पहले दिन सोमवार को भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने विधानसभा के बाहर हेमंत सरकार पर कई आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अफसरों की पोस्टिंग राज्य को लूटने के लिए करते हैं। उस लूट से मुख्यमंत्री को हिस्सा भी मिलता है। अगर गलती से कोई अफसर पकड़ा जाता है, तो उस भ्रष्ट अफसर को बचाने के लिए मुख्यमंत्री एड़ी-चोटी का जोर लगा देते हैं। अपराधियों को छूट देकर उनसे वसूले धन को सीएम हाउस तक पहुंचाया जाता है।