Begusarai: परना पंचायत के मुखिया वीरेन्द्र शर्मा हत्याकांड का पर्दाफाश करते हुए पुलिस हत्यारे सुपारी किलर बुग्गी ठाकुर उर्फ पवन कुमार को पंजाब के मोहाली से गिरफ्तार किया है। जानकारी अनुसार जिला मुख्यालय के आसपास लगातार हत्याकांड को अंजाम देकर सुपारी किलर बिहार से फरार हो जाया करता था। 2 फरवरी को दिनदहाडे़ हुए परना पंचायत के मुखिया विरेंद्र शर्मा की हत्या मामले में इनपुट मिलते ही पुलिस, बुग्गी ठाकुर के पीछे पड़ गई। लेकिन मोबाईल का उपयोग नहीं करने के कारण उसे ट्रेस करने में परेशानी हो रही थी। एसपी योगेंद्र कुमार ने कुख्यात सुपर किलर को न केवल मीडिया के समक्ष प्रस्तुत किया वरन उसके समक्ष हत्याकांड का क्लू भी उगलवाया। 50 हजार के इनामी दुर्दांत सुपारी किलर बुग्गी ठाकुर की गिरफ्तारी से बेगूसराय पुलिस और बिहार एसटीएफ की टीम ने राहत की सांस ली है।
बुग्गी ने बताया कि नागदह निवासी कुख्यात अपराधी रणधीर महतो ने उसे और ललन को साढ़े तीन लाख में मुखिया वीरेन्द्र शर्मा के हत्या की सुपारी दिलवाई थी। इस मामले के साजिशकर्ता महफूज अंसारी ने उसका पैर पकड़कर कहा किसी भी तरह वीरेन्द्र को मार दो। इसके लिए हथियार और मोटरसाइकिल उपलब्ध करवाने के साथ-साथ 65 हजार एडवांस दिए गए। इसके बाद बुग्गी और ललन ने रेकी करना शुरू किया, लेकिन पहले दिन हत्या करने में सफलता नहीं मिल पाई तो महफूज अंसारी ने दूसरे दिन सदर प्रखंड कार्यालय में उसे वीरेन्द्र का चेहरा दिखाया।
इसके बाद दो फरवरी को वह एक मोटरसाइकिल से ललन के साथ परना ढ़ाला पहुंचा और मुखिया के पीछे आ रहे लाइनर द्वारा सिग्नल मिलते ही उसने मुखिया को तीन गोली मारी। जबकि शेष गोली मुखिया के पीछे आ रहे अपराधियों ने मारी थी। गोली मारने के बाद पचंबा के रास्ते नागदह गाछी पहुंचा। वहां लाइनर ने मोटरसाइकिल और हथियार लेकर उसे एनएच पर पहुंचा दिया। एनएच पर दलसिंहसराय के रास्ते वह मुजफ्फरपुर पहुंचा और मुजफ्फरपुर से दिल्ली भाग गया। लेकिन दिल्ली में भी पुलिस द्वारा पीछा करने के शक पर भागकर पंजाब के मोहाली आ गया। जहां छात्रों के बीच लॉज में रहता था, जहां से पुलिस ने चार दिन के दिन-रात कोशिश बाद उसे गिरफ्तार कर लिया।
एसपी योगेन्द्र कुमार ने बताया कि बुग्गी ठाकुर मोबाइल का उपयोग नहीं करता था, जिससे उसे पकड़ना मुश्किल था। लेकिन हमारी टीम ने उसे चैलेंज के रूप में लिया। जब दिल्ली जाने का इनपुट मिला तो हमारी टीम ने उसका पीछा किया। लेकिन बुग्गी को पुलिस से पीछा करने का आशंका हो गई। वह लगातार दिल्ली में तीन चार ठिकानों पर भटकता रहा। इसके बाद चकमा देने के लिए पुलिस टीम बेगूसराय लौट गई और बुग्गी पंजाब के मोहाली में जीबीटी नगर में जाकर रहने लगा। मोबाइल नहीं रहने के कारण उसे पकड़ना मुश्किल था। लेकिन मटिहानी थानाध्यक्ष विवेक भारती सहित पुलिस पदाधिकारियों की टीम नए तरह के तकनीकी अनुसंधान के बल पर उस जगह को चिन्हित कर लिया।
पूरी टीम चार दिन तक संतरी ड्यूटी की तरह लगातार उस जगह ना केवल तकनीकी सर्विलेंस करती रही। बल्कि इसके पल-पल की गतिविधि पर नजर रख रहे थे। सभी टावरों का डंप डाटा निकाला गया। उसके बाद जब लॉज में बुग्गी को पकड़ा गया तो उसने बचने की काफी कोशिश की, लेकिन सफलता नहीं मिल सकी। एसपी ने बताया कि अपराधी कितना भी शातिर हो, पुलिस अब उसे दूसरे राज्य क्या, पाताल से भी खींचकर निकाल लेगी। पहले हम उसे जहां तक भागेगा वहां तक दौड़ाएंगे और फिर पकड़ कर न्यायालय के माध्यम से उसे ऐसी कड़ी सजा दिलाई जाएगी कि दूसरे अपराधी दहशत में आ जाएं।
रौशन कुमार, विकास कुमार, विजय साह, छोटे महतो एवं मुखिया वीरेन्द्र शर्मा हत्याकांड में संलिप्तता स्वीकारा
आरोपी ने रौशन कुमार, विकास कुमार, विजय साह, छोटे महतो एवं मुखिया वीरेन्द्र शर्मा हत्याकांड में संलिप्तता स्वीकारते हुए सभी पहलुओं का खुलासा किया है। उसने अन्य घटना में संलिप्तता सहित कई राज बताया है। एसपी ने बताया कि कुख्यात अपराधी बुग्गी ठाकुर उर्फ पवन आपराधिक गिरोह चलाकर हत्या एवं अवैध शस्त्र अधिनियम की घटनाओं को अंजाम देता था। इसके बढ़ते अपराधिक मामलों को देखते हुए बिहार पुलिस मुख्यालय द्वारा 50 हजार का ईनाम घोषित किया गया था। जल्द ही पूरी टीम को सम्मानित किया जाएगा।