धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा जयंती एवं जनजातीय गौरव महोत्सव-2023 के अवसर पर खूंटी में आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ शामिल हुए मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन
भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर धरती आबा के खूंटी स्थित पैतृक गांव उलिहातु पहुंचे प्रधानमंत्री, राज्यपाल और मुख्यमंत्री
धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर किया नमन
भगवान बिरसा मुंडा के वंशजों से प्रधानमंत्री, राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने की मुलाकात
आशा और उम्मीद है कि आज का कार्यक्रम आदिवासियों के लिए मिल का पत्थर साबित होगा- हेमन्त सोरेन
धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की जयंती के अवसर बुधवार को प्रधानमंत्री जनजातीय गौरव के प्रतीक भगवान बिरसा मुंडा की जन्मस्थली उलिहातू पहंचे। बिरसा ओड़ा में उनकी प्रतिमा पर श्रद्धासुमन अर्पित किया और वहां की मिट्टी का तिलक लगाया। राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी धरती आबा को नमन किया। मोदी ने उलिहातू के बाद खूंटी के बिरसा कॉलेज परिसर स्थित बिरसा मुंडा स्टेडियम में जनसभा को संबोधित किया।
विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए नरेन्द्र मोदी ने कहा कि पीएम जनमन योजना के तहत सबसे पिछड़े आदिवासियों तक सरकार पहुंचने वाली है, जिन्हें अब तक नजर अंदाज किया गया। उन्होंने कहा कि मोदी हिम्मत करके निकला है, आदिवासी न्याय अभिमान लेकर। आजादी के बाद कई दशकों तक आदिवासी समाज को नजरअंदाज किया गया। अटल बिहारी की सरकार ने आदिवासियों के लिए अलग मंत्रालय बनाया और बजट दिया। हमारी सरकार के दौरान अब आदिवासी कल्याण का बजट पहले के मुकाबले काफी बढ़ चुका है।
22 हजार गांवों के आदिवासियों पर खर्च होंगे 24 हजार करोड़
प्रधानमंत्री ने कहा कि पीएम जनमन के तहत सरकार उन आदिवासी भाई-बहनों तक पहुंचेगी, जिन तक अभी नहीं पहुंचा गया है। ये वे जनजातीय समूह हैं, जिनमें से अधिकतर लोग अब भी जंगलों में रहने को मजबूर है। उन्होंने कहा कि ये लोग रेल को देखने की बात छोड़ो, उसकी आवाज भी नहीं सुनी है। देश के 22 हजार से ज्यादा गांवों में रह रहे ऐसे 75 जनजातीय समुदाय की पहचान सरकार ने की है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी के 75 साल बाद भी आदिवासियों को सुविधाएं नहीं मिली।
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश का दुर्भाग्य है कि आजादी के बाद ऐसे वीरों के साथ न्याय नहीं हुआ। मुझे संतोष है कि आजादी के 75 वर्ष होने पर अमृत महोत्सव के दौरान हमने ऐसे वीरों को याद किया। झारखंड आना मुझे पुरानी यादों को ताजा करने का अवसर देता है। आयुष्मान योजना की शुरुआत झारखंड से ही की थी। आज झारखंड की पावन भूमि से एक नहीं बल्कि दो ऐतिहासिक अभियानों शुरुआत होने जा रही है। विकसित भारत यात्रा, सेचुरेशन सरकार के लक्ष्यों को प्राप्त करने का सशक्त माध्यम बनेगी। पीएम जनजातीय आदिवासी न्याय महाअभियान से आदिवासियों के साथ न्याय हो सकेगा।
मक्खन पर लकीर तो सभी खींचते हैं लेकिन हम पत्थर पर लकीर खींचने में लगे हैं
प्रधानमंत्री ने कहा कि मैंने कभी समाज के आखिरी व्यक्ति का नमक खाया है। मैं आज भगवान बिरसा मुंडा की धरती पर वह कर्ज चुकाने आया हूं। उन्होंने कहा कि देश के 18,000 गांव ऐसे थे जहां बिजली नहीं पहुंची थी। उन्हें अंधेरे में जीने के लिए छोड़ दिया गया था। क्योंकि, वहां बिजली पहुंचाने के लिए कई तरह की मुश्किलें थी। मोदी ने कहा कि मक्खन पर लकीर तो सभी खींचते हैं लेकिन हम पत्थर पर लकीर खींचने में लगे हैं।
झारखण्ड हमेशा से वीरों की भूमि रही है- हेमंत
प्रधानमंत्री का बिरसा मुंडा की जन्म स्थली उलिहातु आगमन एवं कार्यक्रम का आयोजन पूरे देश को जोड़ेगा। उलिहातू की इस पावन भूमि में आप पहली बार आये हैं। आशा और उम्मीद है कि आज के कार्यक्रम से आदिवासी समाज आगे बढ़ें। प्रधानमंत्री आपका जो संदेश होगा वह आदिवासियों के लिए मिल का पत्थर साबित होगा। बिरसा मुंडा पूरे देश के आदिवासियों के भगवान हैं। झारखण्ड हमेशा से वीरों की भूमि रही है, इसका प्रत्यक्ष उदाहरण प्रधानमंत्री जी ने रांची स्थित भगवान बिरसा मुंडा जनजातीय स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय में देखा है। ये बातें मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कही। मुख्यमंत्री धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा जयंती एवं जनजातीय गौरव महोत्सव-2023 के अवसर पर खूंटी में आयोजित कार्यक्रम में जनसभा को सम्बोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा प्रधानमंत्री जी, आदिवासी मुख्यमंत्री होने के नाते ना सिर्फ झारखण्ड, बल्कि पूरे देश के आदिवासियों की तरफ से, आदिवासी धर्म कोड की चिर प्रतीक्षित मांग पर सकारात्मक निर्णय लेने का आग्रह करता हूँ।मुझे पूर्ण विश्वास है कि आपके सहयोग से आने वाले दिनों में आदिवासी सहित समाज के लोगों का गौरव के साथ कल्याण सुनिश्चित हो पाएगा।
आदिवासी हक और अधिकार की लड़ाई लड़ता है
मुख्यमंत्री ने कहा झारखण्ड आदिवासी बहुल राज्य है। मैं भी आदिवासी समुदाय से आता हूं, और मुझे आदिवासी होने पर गर्व है। आदिवासी हक और अधिकार की लड़ाई लड़ता आया है। फिर वह लड़ाई महाजनों के विरुद्ध हो या अंग्रेजों के। लेकिन दुर्भाग्य है कि इतिहासकारों ने इन्हें उचित जगह नहीं दिया। विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह सबसे पिछड़ा है। अगर ये नहीं बचे तो अन्य आदिवासी विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह में आ जाएंगे। आज हम चांद में पहुंच चुके हैं, लेकिन समाज के अंदर जो अंतर दिख रहा है, उसे अबतक मिट जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा प्रधानमंत्री , झारखण्ड कई मायनों को लेकर आगे बढ़ा है। चाहे खनिज संपदा हो या किसी अन्य विषय को लेकर हो। प्रधानमंत्री जी आग्रह है , यहाँ बड़े पैमाने पर आदिवासी जो जंगलों में बसते हैं उन्हें विस्थापन का दंश झेलना पड़ता है। खनिज सम्पदाओं को निकालने के लिए बड़े पैमाने में कई वर्षों से इनका विस्थापन होता रहा है। इस क्षेत्र में बसने वाले लोगों के प्रति भी ऐसी विशेष कार्ययोजना तैयार की जाय, जहाँ हमारे आदिवासी भाई-बहन अपने जल-जंगल-जमीन के साथ अपने आप को समग्र विकास की कड़ियों से जोड़ सके।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 49 हजार करोड़ की जनजातीय कल्याण एवं विकास परियोजनाओं की सौगात दी।
जनजातीय गौरव दिवस और भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर 15 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 49 हजार करोड़ की जनजातीय कल्याण एवं विकास परियोजनाओं की सौगात दी। साथ ही विकसित भारत संकल्प यात्रा का आगाज किया। इसके अलावा पीएम जनजातीय आदिवासी न्याय महाभियान की शुरूआत की। उन्होंने आठ करोड़ लाभार्थियों के लिए पीएम किसान निधि की 15वीं किस्त भी जारी की।
प्रधानमंत्री ने विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों के विकास के लिए 24,000 करोड़ रुपये की योजनाओं की भी शुरुआत बटन दबाकर डिजिटल रूप से की। साथ ही विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह (पीएम पीवीटीजी) मिशन की शुरुआत की, जिसके दायरे में लगभग 28 लाख पीवीटीजी आएंगे। मिशन के तहत पीवीटीजी क्षेत्रों में सड़क और टेलीकॉम कनेक्टिविटी, पावर, सुरक्षित घर, साफ पीने का पानी और सफाई, शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण तक बेहतर पहुंच और टिकाऊ रहन-सहन के मौके जैसी बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी।
इनका हुआ उद्घाटन…
आईआईएम रांची का नया परिसर, आईआईटी आईएसएम धनबाद का नया छात्रावास, बोकारो में पेट्रोलियम ऑयल और लूब्रिकेंट (पीओएल) डिपो, हटिया-पकरा सेक्शन, तलगरिया-बोकारो सेक्शन और जारंगडीह-पतरातू सेक्शन डबल लेन।
इनकी रखी गई आधारशिला..
एनएच 133 के महगामा-हंसडीहा सेक्शन का फोर लेन कार्य (52 किमी), एनएच 114ए के बासुकीनाथ-देवघर सेक्शन का फोर लेन कार्य (45 किमी), केडीएच-पूर्णाडीह कोल हैंडलिंग प्लांट और आईआईआईटी रांची के नए शैक्षणिक और प्रशासनिक भवन की आधारशिला।
49 हजार करोड़ की जनजातीय कल्याण एवं विकास परियोजनाओं का शुभारम्भ/लोकार्पण/शिलान्यास और विकसित भारत संकल्प यात्रा का शुभारम्भ हुआ।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, झारखण्ड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन, केंद्रीय जनजातीय मंत्री अर्जुन मुंडा, शिक्षा राज्य मंत्री श्रीमती अन्नपूर्णा देवी, पूर्व लोकसभा उपाअध्यक्ष सह पदम भूषण से सम्मानित कड़िया मुंडा, राजधनवार विधायक बाबूलाल मरांडी, खूंटी विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा, विधायक कोचे मुंडा एवं अन्य उपस्थित थे।