Patna: बिहार में नीतीश मंत्रिमंडल से संतोष मांझी के इस्तीफे के बाद सियासी पारा पूरे सबाब पर है। जदयू अध्यक्ष के छोटी दुकान वाले बयान पर हम सुप्रीमो जीतन राम मांझी ने कहा कि हम दुकान नहीं पार्टी चलाते हैं जो जनता की सेवा करती है। उन्होंने कहा कि नाक से ऊपर चढ़ गया था पानी इसलिए संतोष ने कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया।
जीतन राम मांझी ने ललन सिंह पर बुधवार को तंज कसते हुए कहा कि दुकान का मतलब होता है – जहां खरीद-फरोख्त होती है। वे लोग खरीद-फरोख्त में माहिर हैं और विश्वास करते हैं। हमने सियासी जीवन में कभी भी ऐसे हथकंडे नहीं अपनाए हैं। मांझी ने कहा कि मेरी पार्टी कोई दुकान नहीं है बल्कि जनता की सेवा करने के लिए एक मंच है।
हम पार्टी सुप्रीमो मांझी ने कहा कि हमने अपने मुख्यमंत्रित्वकाल में जो भी 34 बड़े फैसले लिए, उसको लागू कराने के लिए ही पार्टी का निर्माण किया और लगातार नीतीश कुमार का समर्थन किए लेकिन अब पानी नाक से ऊपर चढ़ गया था, जो बर्दाश्त के बाहर था। नीतीश कुमार ने कुछ आधे-अधूरे फैसले लिए थे, जिससे जनता में नाराजगी थी। जनता लगातार हमारे कार्यकर्ताओं और नेताओं से सवाल कर रही थी लिहाजा ‘हम’ पार्टी को नीतीश सरकार से अलग होना पड़ा।
जीतन राम ने कहा कि जदयू में मर्ज करने का भी प्रस्ताव आया था, जो हमें मंजूर नहीं था इसलिए संतोष सुमन ने इस्तीफा दिया है। फिलहाल अब 18 जून को पार्टी की कार्यसमिति की बैठक होगी, जिसमें आगे की रणनीति तय की जाएगी।मैं नीतीश कुमार का पूरा सम्मान करता हूं लेकिन एक ही सवाल पूछता हूं कि जब जीतन राम मांझी 9 महीने मुख्यमंत्री रहा तो कौन ऐसा गलत काम किए कि उन्होंने गैर-संवैधानिक काम करवा कर मुझे बाध्य किया और फिर मैं मुख्यमंत्री नहीं रहा।