Ranchi: जमीन घोटाला मामले में गिरफ्तार किए गए रांची के पूर्व डीसी आईएएस छवि रंजन को शुक्रवार को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। पूरे घोटाले से पर्दा उठाने के लिए ईडी आईएएस छवि रंजन को रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी। ईडी की जांच में कई खुलासा हुआ है। ईडी सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि वर्ष 2020-2022 तक तक रांची डीसी रहे छवि रंजन ने पद का दुरुपयोग कर भू-माफियाओं को लाभ पहुंचाया। कई निजी लोग को फर्जीवाड़े में मदद की। जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि चर्चित प्रेम प्रकाश के माध्यम से बारगेन मौजा स्थित एक भूखंड को प्रतिबंधित सूची से हटाने के लिए एक करोड़ रुपये लिया गया था। रांची के अलग अलग अंचल कार्यालय से किस्तों में 2 से 2.5 लाख रुपये की राशि छवि रंजन को दी गई।
ईडी जांच में यह भी पता चला है आईएएस छवि रंजन ने मौखिक रूप से अंचल अधिकारी मनोज कुमार से व्यवसायी विष्णु अग्रवाल और उनकी पत्नी अनुश्री अग्रवाल के नाम चेशायर होम रोड पर एक एकड़ के एक पार्सल का नामांतरण करने के लिए कहा था। हालांकि, अंचल कार्यालय के समक्ष मौजूदा विवाद लंबित थे।
विष्णु कुमार अग्रवाल के मोबाइल फोन की फोरेंसिक जांच से पता चला कि उन्होंने छवि रंजन की गोवा यात्रा की सुविधा प्रदान की है, जिसमें गोवा के अगुआडा में ताज फोर्ट होटल में व्यवस्था की जाती थी। बुकिंग के तरीके को छुपाने के लिए एक ट्रैवल एजेंट के माध्यम से यह व्यवस्था की जाती थी। बुकिंग की राशि विष्णु कुमार अग्रवाल के एक कर्मचारी द्वारा दिल्ली में एक ट्रैवल एजेंट को नकदी में किया जाता था।
इसके अलावा ईडी जांच में पता चला है कि नामकुम स्थित पुगरू मौजा में एक गैर-बिक्री जमीन खाता संख्या 7.16 में लगभग 7.16 एकड़ ओर हेहल मौ स्थित एक जमीन बिनोद सिंह के नाम पर म्यूटेशन के लिए फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल किया गया था। नामांतरण के बाद यह संपत्ति श्याम सिंह और रवि सिंह भाटिया के नाम दर्ज की गई। इस जमीन का वास्तविक मूल्य 29 करोड़ था, जिसे 15.10 करोड़ में तय किया गया। चेक के माध्यम से 3.45 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया था।
हालांकि, विनोद सिंह के दावे को पहले सीओ और एलआरडीसी द्वारा वर्ष 2021 में खारिज कर दिया गया था लेकिन छवि रंजन ने विनोद सिंह के नाम पर नामांतरण की अनुमति दी थी। यहां तक कि छवि रंजन द्वारा साहू परिवार के नाम पर जमाबंदी रद्द कर दी गई थी। तत्कालीन उपायुक्त और जिला मजिस्ट्रेट छवि रंजन ने पुलिस की मौजूदगी में उपरोक्त स्थल पर चारदीवारी निर्माण के निर्देश जारी किए थे। छवि रंजन ने पावर ब्रोकर प्रेम प्रकाश और व्यवसायी विष्णु अग्रवाल के साथ रांची में सेना की 4.55 एकड़ जमीन मैसर्स जगतबंधु टी एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड को हस्तांतरित करने की भी साजिश रची थी।