Motihari: जिले के ढ़ाका प्रखंड में वर्ष 2006 में नियोजित शिक्षकों ने वेतन विसंगति में सुधार के नाम पर रिश्वत मांगने को लेकर शिक्षको ने प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को उनके कार्यालय कक्ष में बंधक बना लिया। कार्यालय में बीईओ को बंद कर ताला लगा दिया और कार्यालय के गेट पर धरना के साथ नारेबाजी शुरू कर दिया।
वहीं बंधक बनाए गए प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी अखिलेश कुमार ने अपने उपर लगे आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि वेतन विसंगति मामले में शिक्षा निदेशक के पत्र के आलोक में जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना को पत्र लिखा है। डीपीओ स्थापना का आदेश आने के बाद हीं कोई कार्रवाई हो सकती है।जिसके बारे में शिक्षकों अवगत भी करा दिया था लेकिन शिक्षकों ने काफी बदतमीजी की है। वही धरनार्थी शिक्षकों ने भी कई आरोप लगाया है।
शिक्षक नीलमणि सुमन ने बताया कि वर्ष 2006 में नियोजित शिक्षकों का वेतन विसंगति 2015 में हो गया था।जिसके सुधार को लेकर बिहार सरकार और जिला शिक्षा पदाधिकारी ने पत्र निर्गत किया था।उस पत्र के आलोक में एक सप्ताह के अंदर वेतन विसंगति दूर करके जिला को सौंपना था लेकिन बीईओ ने प्रखंड के शिक्षकों को बरगला कर पांच-पांच हजार रुपया रिश्वत मांगनी शुरु कर दी।जिस कारण बीईओ को हम सभी शिक्षकों ने उनके कार्यालय में बंद कर दिया हैं।जबतक वह वेतन विसंगति वाला फाइल निपटा कर जिला को नहीं भेजेंगे।तबतक उनको बंद रखा जाएगा।वहीं बंधक बने बीईओ अखिलेश कुमार ने शिक्षा निदेशक के जारी पत्र का हवाला देकर जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना से मंतव्य मांगे जाने की बात कही है।
उन्होंने कहा कि माध्यमिक शिक्षा निदेशक के अगस्त 2022 जारी पत्र में वेतन विसंगति को दूर करने के लिए चार सदस्यीय समिति के गठन की बात कही गई है।जिस कमिटी को वेतन विसंगति दूर करने के लिए नियम प्रारुप तैयार करने की जिम्मेवारी दी गई है।जबकि जिला से 27 मार्च को पत्र जारी कर वेतन विसंगति दूर करके रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा गया है।जिस कारण जिला से मंतव्य मांगा गया है।जिला से जैसा निर्देश मिलेगा।वैसा कार्य किया जाएगा लेकिन सब कुछ जानते हुए शिक्षकों ने बीआरसी में आकर दुर्व्यवहार किया,गाली दी और धमकी भी दिया।पुलिस अधीक्षक ओर सिकरहना एसडीओ को इसकी जानकारी दे दी है।वही सूचना पर पहुंचे ढ़ाका इंस्पेक्टर मुकेश चंद्र कुमर ने बीईओ को मुक्त कराया।
इंसपेक्टर मुकेश चंद्र कुमर ने बताया कि शिक्षकों को समझा बुझाकर शांत कराया और बीईओ को मुक्त करा लिया गया है।