Ramgarh: एडीजे वन शेषनाथ सिंह की अदालत ने गुरुवार को एक ही परिवार के तीन लोगों की हत्या के मामले में आरपीएफ जवान पवन कुमार सिंह को फांसी की सजा सुनाई है। लोक अभियोजक आरबी राय ने बताया कि न्यायालय ने धारा 302 में फांसी, धारा 307 में 10 साल की सजा, 10 हजार रुपए जुर्माना, नहीं देने पर अतिरिक्त एक साल की सजा व, 27 आर्म्स एक्ट के तहत 7 साल की सजा, 10 हजार का जुर्माना, नहीं देने पर अतिरिक्त एक साल की सजा सुनाई गई है।
उल्लेखनीय है कि रामगढ़ जिले में 17 अगस्त 2019 की रात बरकाकाना ओपी क्षेत्र के रेलवे क्वार्टर 10 में तीन लोगों की हत्या हुई थी। आरपीएफ जवान पवन कुमार सिंह ने अपनी गर्भवती प्रेमिका वर्षा देवी उर्फ मीना देवी, प्रेमिका के पिता अशोक राम, प्रेमिका की मां लीलावती देवी की हत्या कर दी थी। इस वारदात में सुमन कुमारी और संजय राम भी जख्मी हुए थे। अभियोजन पक्ष की ओर से मामले में 16 लोगों की गवाही करायी गई थी। इसके अलावा इसके अलावा घायल संजय राम व उसकी छोटी बहन सुमन कुमारी अनुसंधानकर्ता संजीव बेसरा ने भी अपना बयान न्यायालय में दर्ज कराया था। सभी गवाहों के बयान के आधार पर पवन कुमार सिंह को न्यायालय ने दोषी करार दिया था।
जानकारी अनुसार पवन कुमार सिंह अपने सर्विस रिवाल्वर लेकर अशोक राम के घर पहुंचा था वहां वह इतने गुस्से में था कि खिड़की से ही गोलियां बरसाने लगा था, जिस कमरे में अशोक, वर्षा, सुमन और लीलावती देवी थे वहां उसने अंधाधुंध फायरिंग की। पूरा कमरा खून से लाल हो गया था। इस वारदात के चश्मदीद गवाह संजय को भी भागते वक्त पवन ने पैर में गोली मारी थी।
आरोपी आरपीएफ जवान पवन कुमार सिंह बिहार राज्य के भोजपुर जिले के करथ गांव का निवासी है। उसे गिरफ्तार करने के लिए पुलिस ने एड़ी चोटी का जोर लगाया था। जब कोई रास्ता नहीं मिला तो आरपीएफ के डीएसपी दीपक सिन्हा ने पुलिस टीम को एक अगुआ के रूप में इस्तेमाल किया था। पुलिस के ही लोग पवन के पिता विनोद सिंह के पास शादी का प्रस्ताव लेकर गए थे। इसी दौरान उन लोगों ने लड़का देखने की बात की। जब पवन को लगा कि वह किसी रिश्ते में बंधने जा रहा है, तब वह अपने घर आया। इसी दौरान पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था।