देवेन्द्रशर्मा Ranchi: भारत में चिकित्सा सेवा दिन-प्रतिदिन आधुनिक होती जा रही है। इनके लाभ भी अधिक प्राप्त हो रहे है। विभिन्न विधाओं से डॉक्टर मरीज का इलाज कर रहे हैं। विदेशों में पहले से प्रचलित इलाज के इस पद्धति का अब झारखंड रांची के चिकित्सक भी उपयोग कर रहे हैं। इससे मरीजों को आराम भी मिल रहा है । आयुर्वेद पद्धति हो, होमियोपैथ पद्धति हो या फिर एलोपैथ पद्धति हो हर पद्धति में मरीज को लाभ पहुंचना किसी भी डॉक्टर का अंतिम लक्ष्य होता है, ताकि मरीज को बीमारी से निजात मिल सके, लेकिन रांची में एक ऐसे चिकित्सक हैं जो संगीत के माध्यम से मरीजों का इलाज करते हैं।
रांची के बरियातू के पास अपना निजी क्लिनिक चला रहे राजधानी के बड़े न्यूरोलॉजिस्ट में शुमार डॉक्टर उज्ज्वल राय बताते हैं कि जिस प्रकार से अन्य पद्धति के माध्यम से मरीजों का इलाज होता है, उसी प्रकार म्यूजिक थेरेपी के माध्यम से भी मरीजों का इलाज किया जाता है। विदेशों में पहले से प्रचलित है म्यूजिक थेरेपी। डॉक्टर उज्ज्वल ने बताया कि इस थेरेपी के माध्यम से विदेशों में मरीजों का पहले से इलाज हो रहा है और और म्यूजिक थेरेपी का उपयोग धीरे-धीरे भारत में भी शुरू हो रहा है।
न्यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर उज्ज्वल राय बताते हैं कि जिस प्रकार से फिजियोथैरेपी के डॉक्टर अपने मरीज का इलाज करते हैं, उसी प्रकार से म्यूजिक थेरेपी से भी इलाज होता है ।इस इलाज में सिर्फ म्यूजिक एक मात्र इलाज करने का एक साधन होता है। जिससे डॉक्टर मरीज के दिमाग को रिहेबिलिटेट कर पाते हैं। भारत में फिलहाल दिल्ली और मुंबई जैसे शहरों में म्यूजिक थेरेपी से मरीजों का इलाज शुरू हो रहा है। कई मरीज इससे लाभ पाकर स्वस्थ भी हुए हैं। विदेशों में वेस्टर्न म्यूजिक से मरीजों को दी जाती है थेरेपी , म्यूजिक थेरेपी का उपयोग न्यूरोलॉजिकल बीमारी या फिर साइकेट्रिक बीमारी में किया जाता है। डॉ उज्ज्वल बताते हैं इस विधि का उपयोग अमेरिका में खूब होता है और अमेरिका में कई डॉक्टरों म्यूजिक थेरेपी से मरीजों को ठीक भी किया है।
उन्होंने बताया कि अभी तक इस थेरेपी में जितने भी म्यूजिक का उपयोग किया जाता था, वो वेस्टर्न कल्चर से जुड़े होते थे ।क्योंकि इसमें ज्यादातर रिसर्च अमेरिका या फिर अन्य विदेशों में हुए हैं, लेकिन धीरे-धीरे अब भारत में भी इस पद्धति को अपनाया जा रहा है।
भारत के चिकित्सक अब हिंदी संगीत का इस्तेमाल मरीजों के इलाज में कर रहे हैं। भारतीय चिकित्सकों के द्वारा भी कई ऐसे संगीत का चयन किया जा रहा है जो भारतीय और हिंदी संगीत हैं और इसमें भी म्यूजिक के कई नोट निर्धारित किए जा रहे हैं, ताकि हर नोट के माध्यम से मरीजों के दिमाग की खोई हुई शक्ति को ठीक किया जा सके।
डॉक्टर उज्ज्वल बताते हैं कि न्यूरो से जुड़े कई तरह के मरीज आते हैं । जैसे भूलने की आदत वाले मरीज या फिर याददाश्त भूल जाने वाले मरीज इत्यादि । इन सभी तरह के बीमारियों में म्यूजिक थेरेपी का उपयोग हो सकता है ।मरीजों की बीमारी के हिसाब से संगीत का भी चयन किया गया है, ताकि संगीत की धुन को दिमाग की खोई हुई शक्ति पकड़ सके। न्यूरोलॉजिकल समस्या के साथ कई तरह के दर्द में कारगर है म्यूजिक थेरेपी। डॉक्टर उज्ज्वल आगे बताते हैं कि म्यूजिक से सिर्फ न्यूरोलॉजिकल ही नहीं, बल्कि कई तरह के दर्द को भी आराम दिया जा सकता है। म्यूजिक सुनने के बाद मरीज कई तरह के दर्द को भूल जाते हैं ।
न्यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर उज्ज्वल बताते हैं कि कई बार युवाओं में नशे की लत भी देखने को मिलती है। म्यूजिक थेरेपी से युवाओं में नशे की लत को छुड़ाया जा सकता है। रांची में डॉक्टर उज्ज्वल कर रहे म्यूजिक थेरेपी से मरीजों का इलाज, डॉक्टर उज्ज्वल बताते हैं कि म्यूजिक थेरेपी से लोगों का इलाज कराने की परंपरा उनकी तरफ से रांची में शुरू की गई है। उनका मानना है कि म्यूजिक थेरेपी के माध्यम से न्यूरो की गंभीर से गंभीर बीमारी को ठीक किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि संगीत से सभी को प्यार होता है ।ऐसे में जब संगीत की धुन व्यक्ति के दिमाग में जाती है तो भूलने वाले न्यूरॉन को मरने से बचाता है।इसलिए म्यूजिक थेरेपी से कई बीमारियों का इलाज किया जा सकता है।