Ranchi: झारखंड हाई कोर्ट ने देवघर में शिव बारात पर फैसला सुना दिया है। प्रशासन द्वारा तय रूट पर ही शिव बारात निकलेगी। इसके साथ ही न्यायालय ने देवघर उपायुक्त से रूट बदलने सहित अन्य स्थित को स्पष्ट करने का भी निर्देश दिया है। हाई कोर्ट के कार्यवाह मुख्य न्यायाधीश अमरेश कुमार सिंह की अध्यक्षता वाली खंडपीठ में शुक्रवार को सुनवाई के दौरान देवघर डीसी से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बात की गई। कोर्ट ने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा देवघर में शिव बारात निकाले जाने का रास्ता नहीं बदला जा सकता है। क्योंकि जिला प्रशासन ने सुरक्षा की दृष्टिकोण से यह रास्ता तय कर रखा है।केवल कोविड के तीन वर्षों के दौरान यह रास्ता नहीं लिया गया था। इसलिए याचिकाकर्ता की ओर से शिव बारात का रास्ता बदलने के आग्रह पर कोर्ट हस्तक्षेप नहीं कर सकता है।
डीसी ने कोर्ट को मोबाइल पर बताया गया कि धारा 144 शिव बारात के रास्ते पर सुरक्षा के दृष्टिकोण से लगाया गया है। शिव बारात के सुरक्षा को लेकर देवघर जिला प्रशासन को कुछ आउटपुट मिला था, इसे लेकर धारा 144 लगाया गया। ऐसा नहीं है कि पूरे देवघर में धारा 144 होने से पांच या छह आदमी एक साथ एकत्रित नहीं हो सकते हैं।
कोर्ट ने समाचार पत्रों एवं अन्य संचार माध्यमों के माध्यम से देवघर डीसी को आज से ही यह जानकारी प्रसारित करने को कहा है कि देवघर में कहीं भी सीमित संख्या में लोगों के रहने को लेकर धारा 144 जैसा आदेश लागू नहीं है। साथ ही कोर्ट ने कहा है कि महाशिवरात्रि पर निकलने वाले शिव बारात के दौरान प्रशासन की ओर से लगाई गयी धारा 144 आम लोगों पर लागू नहीं होगी। हालांकि, प्रशासन ने जो रूट तय किया है, उसी रूट से शिव बारात निकलेगी। यह जानकारी डॉ. निशिकांत दुबे के वकील प्रशांत पल्लव ने दी। उन्होंने बताया कि प्रशासन के पास इंटेलिजेंस इनपुट है कि जिस रूट से शिव बारात निकलती रही है, उस रूट पर कुछ गड़बड़ी हो सकती है। इसलिए रूट में बदलाव किया गया है।
दरअसल, इस जनहित याचिका में सांसद निशिकांत ने देवघर जिला प्रशासन द्वारा महाशिवरात्रि पर शिव बारात को लेकर धारा 144 लगाने एवं शिव बारात का मार्ग बदलने का विरोध किया है। जिला प्रशासन के इस आदेश को निरस्त करने का आग्रह किया है। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता प्रशांत पल्लव एवं पार्थ जालान पैरवी की।
उल्लेखनीय है कि देवघर में एसडीओ दीपांकर चौधरी ने आदेश जारी कर महाशिवरात्रि के दिन पूरे देवघर अनुमंडल क्षेत्र में निषेधाज्ञा लागू कर दी है। साथ ही शिव बारात निकालने को निर्धारित रूट के संबंध में आदेश जारी किया है। महाशिवरात्रि महोत्सव समिति के अध्यक्ष अभिषेक आनंद झा ने कहा कि झारखंड हाई कोर्ट का फैसला आने के बाद शिव बरात संचालन समिति की बैठक होगी और आगे की रणनीति पर विचार किया जायेगा। अध्यक्ष ने कहा कि समिति चाहती है कि बारात का संचालन बेहतर तरीके से हो और अधिक से अधिक लोग बारात देख पायें, कहीं भी भगदड़ की स्थिति नहीं हो।
उन्होंने कहा कि समिति जिला प्रशासन से आग्रह करती है कि भगवान शिव के लिए अपना आदेश वापस लें। क्योंकि, यह किसी पार्टी विशेष का आयोजन नहीं है। यह लाखों शिवभक्तों की आस्था का सवाल है। प्रशासन के अधिकारी यदि भगवान शिव पर आस्था रखते हैं, तो अपने फैसले पर पुनर्विचार करें और समिति को बारात संचालन में सकारात्मक सहयोग करें।