पलामू। जिले के पाटन प्रखंड के हिसरा बरवाडीह पंचायत में संचालित मनरेगा कार्य में अनियमितता के खिलाफ जिला प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है। उपायुक्त आंजनेयुलू दोड्डे ने रविवार को संबंधित ग्राम सेवक सत्येंद्र कुमार, कनीय अभियंता गंगा पासवान, सहायक अभियंता अमरेंद्र कुमार और प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी रणधीर कुमार जायसवाल की संविदा तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी है। इसके साथ ही पंचायत सचिव अभिषेक कुमार को निलंबित कर उसके विरूद्ध प्रपत्र क गठित करने का निर्देश जिला परिषद के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी को दिया है। मामले में मुखिया के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करते हुए वित्त शक्ति जब्त करने का प्रस्ताव भेजा गया है।
मनरेगा आयुक्त के निर्देश आलोक में प्रति पंचायत 5 पशु शेड की योजनाओं का क्रियान्वयन कराया जाना था परंतु हिसरा बरवाडीह पंचायत में बीपीओ ने 401 पशु शेड की योजना को स्वीकृति दी। इस संबंध में उपायुक्त को कई माध्यमों से शिकायत मिली। इसके पश्चात उपायुक्त ने प्रशिक्षु आईएएस से पूरे मामले की जांच कराई, जिसमें बीपीओ के विरुद्ध सभी आरोप सही पाए गए। उपायुक्त ने प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी रणधीर कुमार जायसवाल की संविदा तत्काल प्रभाव से समाप्त करने की करवाई की।
जांच के क्रम में पाया गया कि हिसरा बरवाडीह पंचायत में उक्त सभी योजनाओं का कार्यान्वयन ग्राम पंचायत स्तर से किया जा रहा है। सभी योजनाओं की प्रशासनिक स्वीकृति मुखिया द्वारा प्रदान की गयी है। साथ ही द्वितीय हस्ताक्षरी के रूप में राशि के भुगतान के लिए भी ये सीधे जवाबदेह है। इसके बाद पाटन थाने में मुखिया के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गयी है।
उपायुक्त ने पाटन प्रखंड विकास पदाधिकारी मनोज तिवारी को हिसरा बरवाडीह पंचायत अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2022-23 में स्वीकृत और कार्यान्वित कुल 401 पशु शेड की सभी योजनाओं का स्थलीय सत्यापन कर 15 दिनों के भीतर योग्य तथा अयोग्य लाभुकों को चिन्हित करने के पश्चात मनरेगा कोषांग को प्रतिवेदन उपलब्ध कराने के लिए निर्देशित किया है ताकि अयोग्य पाए गए लाभुकों के पशु शेड की योजना को रद्द किया जा सके। साथ ही अयोग्य पाये गये लाभुकों को किया गया गलत भुगतान की राशि की वसूली दोषी कर्मियों से की जा सके।