कोलंबो। श्रीलंका में आर्थिक संकट के साथ राजनीतिक संकट भी गहराता जा रहा है। भीषण जनाक्रोश के आगे सत्ता परास्त सी हो रही है। आंदोलित प्रदर्शनकारियों के आक्रोश को देख शनिवार को राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे को अपना आवास छोड़कर भागना पड़ा। प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसंघे ने भी इस्तीफा दे दिया। वे महज 59 दिन ही प्रधानमंत्री रह सके। जानकारी के मुताबिक श्रीलंका में आर्थिक हालात से त्रस्त प्रदर्शनकारियों ने शनिवार को राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के आवास को घेर लिया। जनाक्रोश को भांप कर राष्ट्रपति राजपक्षे परिवार समेत अपने आवास को छोड़ कर भाग गए हैं। श्रीलंका के रक्षा सूत्रों की ओर से राष्ट्रपति राजपक्षे के भागने की पुष्टि की गयी है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक श्रीलंका में भीषण आर्थिक संकट और जनता में पूर्व प्रधानमंत्री महिंद्रा राजपक्षे को लेकर व्याप्त असंतोष के बाद महिंद्रा राजपक्षे को मई में इस्तीफा देना पड़ गया था। इसके बाद 12 मई को रानिल विक्रमसंघे ने प्रधानमंत्री पद संभाला था। बीते दो दिनों से श्रीलंका में असंतोष अत्यधिक गंभीर स्थिति में पहुंच गया था। हालात ये हो गए थे कि शुक्रवार से देश में कर्फ्यू का ऐलान करना पड़ गया था। इसी असंतोष व संकट के बीच शनिवार को प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने इस्तीफे का ऐलान कर दिया। वे महज 59 दिन ही श्रीलंका के प्रधानमंत्री रह सके।
इससे पहले श्रीलंका में आर्थिक हालात से त्रस्त प्रदर्शनकारियों ने शनिवार को राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के आवास को घेर लिया। जनाक्रोश को भांप कर राष्ट्रपति राजपक्षे परिवार समेत अपने आवास को छोड़ कर भाग गए हैं। श्रीलंका के रक्षा सूत्रों की ओर से राष्ट्रपति राजपक्षे के भागने की पुष्टि की गयी है। उल्लेखनीय है कि दो माह पूर्व 11 मई को तत्कालीन प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे को भी इसी जनाक्रोश का सामना करना पड़ा था। तब उग्र भीड़ द्वारा सरकारी आवास घेर लिये जाने पर महिंदा राजपक्षे को भी परिवार के साथ घर छोड़कर भागना पड़ा था।
श्रीलंका में लगातार बिगड़ते आर्थिक संकट के लिए राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे को जिम्मेदार मानकर उनके इस्तीफे की मांग की जा रही है। इसके लिए श्रीलंका में सरकार विरोधी रैली चल रही है। शनिवार को गुस्साए लोगों की भीड़ ने कोलंबो स्थित राष्ट्रपति आवास को घेर लिया। इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने आवास पर जमकर तोड़फोड़ की। इससे पहले शुक्रवार को श्रीलंका में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगाकर सेना को हाई अलर्ट पर कर दिया गया था। पुलिस प्रमुख चंदना विक्रमरत्ने ने कहा कि राजधानी और उसके आसपास के इलाकों में शुक्रवार रात नौ बजे से कर्फ्यू लगा दिया गया है। उन्होंने बताया कि हजारों सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति को सत्ता से हटाने के लिए शुक्रवार को कोलंबो में प्रवेश किया था, जिसके बाद कर्फ्यू का फैसला लिया गया।