रांची।भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी अपने घुटने के दर्द से परेशान है। वे अपना इलाज महंगें अस्लापताल के बजाए लापुंग के जंगली इलाके के बाबा गलगली धाम के कातिंगकेला में बैठने वाले वैद्य वंदन सिंह खेरवार से करा रहे हैं।
वैद्य ने बताया कि लगभग एक महीने से धोनी उनकी दवाएं ले रहे हैं। वे हर चार दिन में जड़ी-बूटियां लेने आश्रम आते हैं। वैद्य ने बताया कि धोनी जब पहली बार उनके पास आए तो वह उन्हें पहचान ही नहीं पाए। साथ में आए लोगों ने जब परिचय कराया तब पता चला कि वे तो धोनी हैं, जिन्हें उन्होंने टीवी पर बल्ला घुमाते देखा है।
धोनी जिस दिन आश्रम आते हैं वहां लोगों की काफी भीड़ हो जाती है। वैद्य ने कहा कि धोनी ने विस्तार से उन्हें अपनी तकलीफ बताई। कैल्शियम की कमी के कारण उनके दोनों घुटनों में दर्द है। जिससे उन्हें चलने में तकलीफ होती है। वैद्य ने बताया कि इलाज के लिए वे सिर्फ 20 रुपये फीस लेते हैं और 20 रुपये की दवा देते हैं। उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा कि धोनी एक ईमानदार मरीज की तरह अपने 40 रुपये खुद देते हैं।
उन्होंने बताया कि धोनी पिछली बार 26 जून को उनके पास आए थे। वैद्य वंदन ने बताया कि धोनी के माता-पिता भी उनकी दवा ले चुके हैं। उनके माता-पिता को इलाज से आराम है। इसलिए धोनी भी उनके पास आ रहे हैं। वैद्य वंदन ने बताया कि धोनी जब भी आते हैं तो उनके साथ फोटो खिंचवाने वालों की भीड़ लग जाती है। यही वजह है कि वह आने पर गाड़ी से बाहर नहीं आते हैं। उन्हें दवा गाड़ी तक ही पहुंचा दी जाती है। धोनी दवा पीते हैं। गांव वालों के साथ खुद मोबाइल पकड़कर तस्वीर खिंचवाते हैं।