. परिजनो को लिखे पत्र में कहा है कि हम एक बेहतर वैज्ञानिक बनकर मां भारती की सेवा करना चाहता हूं
नवादा। निलंबित कारा अधीक्षक अभिषेक कुमार पांडेय की प्रेरणा व सहयोग से करीब एक वर्ष से मंडलकारा में बंद कैदी सूरज कुमार आईआईटीयन बन गया है। उसे रुड़की आईआईटी द्वारा आयोजित जेएएम परीक्षा में पूरे देश में 54वीं रैंक मिला है। वारसलीगंज थाना क्षेत्र के मौसमा गांव निवासी अर्जुन यादव का पुत्र सूरज हत्या के मामले में अप्रैल 2021 से जेल में है। आईआईटी का परिणाम आने के बाद सूरज ने परिजनो को लिखे खुशी से उद्गार भरे पत्र में कहा है कि हत्या के मामले में फंसाए जाने के बाद उसका मनोबल टूट चूका था। लेकिन तत्कालीन कारा अधीक्षक के मोटिवेशन भाषण से उसे प्रेरणा मिली और उनके सहयोग से पढ़ाई जारी रखा।
कैदियों के बीच कारा अधीक्षक ने कहा था कि हर कोई अपना जज्बा जिंदा रखे। जो जज्बा जिंदा रखेगा वह निश्चित रूप से अपना मुकाम तय करेगा। उनके इस भाषण के बाद उनके चेंबर में आवेदन के साथ मिला तो उन्होंने आईआईटी तैयारी के लिए नोट्स, किताबें और कॉपियां मुहैया कराया। बीच में वे गाइड भी किया करते थे। उन्होंने भोजन की भी जेल में बेहतर व्यवस्था कर रखी थी, उनके समय इतना बेहतर अनुशासन था कि कोई कैदी किसी से बेतुका व्यवहार नहीं कर सकता था। यही वजह है कि जी जान से आईआईटी परीक्षा की तैयारी की। इसमें उन्हें ऑल इंडिया में 54वीं रैंक प्राप्त हुई है। इस परिणाम से वे बेहद खुश है।
सुरज ने अपने परिजनो को लिखे पत्र में कहा है कि हम एक बेहतर वैज्ञानिक बनकर मां भारती की सेवा करना चाहता हूं। उन्होंने न्यायालय पर अपना भरोसा जताते हुए कहा कि मुझे जल्द न्याय मिले, ताकि मैं बेहतर आईआईटीयन बनने के साथ ही बेहतर वैज्ञानिक बन कर देश का नाम रोशन कर संकू। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय मुख्य तौर पर कारा अधीक्षक रहे अभिषेक पांडेय तथा अपने बडे भाई वीरेंद्र यादव को दी है।
सूरज ने साफ तौर पर अपने उद्गार में लिखा है कि अगर अभिषेक पांडेय सर नहीं होते तो हम किसी भी कीमत पर आईटीयन नहीं बनते। जेल में रहकर सूरज के आईटीयन बनने पर उनके गृह प्रखंड के साथ ही नवादा जिले में खुशी का माहौल बना हुआ है। सभी लोग ईश्वर से उसे न्याय दिलाने की प्रार्थना कर रहे है, ताकि यह होनहार युवक निश्चित तौर पर वैज्ञानिक बनकर भारत माता की सेवा कर सके। उनके परिजन ने कहा कि जेल अधीक्षक अभिषेक कुमार पांडेय ने जो मेरे पुत्र की मदद कर पढ़ाया है, उसे जीवन में कभी नहीं भूल सकते है। उन्होंने कहा कि उनकी वजह से ही मेरा पुत्र आईटीयन बना है।
बतातें चले कि मासमा गांव में रास्ते के विवाद में दो परिवार के बीच हुई मारपीट की घटना में संजय यादव बुरी तरह घायल हो गया था। बाद में इलाज के लिए पटना ले जाने के क्रम में उसकी मौत हो गई थी। इस मामले में मृतक के परिजनों की ओर से सुरज व उसके पिता सहित 9 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया है।