रांची।
झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन विपक्षी पार्टी भाजपा ने प्रस्तावित लैंड म्यूटेशन बिल और सहायक पुलिस कर्मियों पर लाठीचार्ज के मुद्दे पर सदन में जमकर हंगामा किया। विपक्षी दलों के हंगामे के कारण प्रश्नोतर काल की कार्रवाई पूरी तरह से बाधित रही। साथ ही शून्यकाल के बाद भी जारी हंगामे के कारण विधानसभा की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। विधानसभा की कार्रवाई पूर्वाहन 11:00 बजे शुरू होने के साथ ही भाजपा के कई सदस्य आसन के निकट आकर सहायक पुलिस कर्मियों पर हुई लाठीचार्ज और लैंड म्यूटेशन बिल पर सरकार से रुक स्पष्ट करने की मांग करते हुए हंगामा करने लगे। सदन में मौजूद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि सहायक पुलिस कर्मियों की मांगों पर सरकार सहानुभूति पूर्वक विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान जिस प्रकार सहायक पुलिस कर्मी इसके नियमों का उल्लंघन कर प्रदर्शन कर रहे हैं यह नियम विरुद्ध है। बावजूद इसके सरकार मानवता के दृष्टिकोण से उन पर कोई बड़ी कार्रवाई नहीं कर रही है। वही लैंड म्यूटेशन बिल पर सरकार की बातों को रखते हुए संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि विधानसभा में बिल नहीं लाया गया है, इसलिए विपक्षी सदस्यों की सभी आशंका गलत है। वही भाजपा के भानु प्रताप शाही ने कहा कि जब मंत्रिपरिषद ने लैंड म्यूटेशन बिल को मंजूरी प्रदान कर दी है तो सरकार इसे मानसून सत्र के बाद अध्यादेश के जरिए 6 महीने के लिए प्रभावी कर सकती है। सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए की वह इस विधेयक को रद्द करेगी या नहीं। सत्र के दौरान विपक्षी सदस्यों के बार-बार आसन के निकट आ जाने के कारण प्रश्नोतर काल की कार्रवाई पूरी तरह से बाधित रही। शून्यकाल के दौरान सत्ता पक्ष के कई सदस्यों ने अपने अपने क्षेत्र के समस्याओं को सदन में उठाकर सरकार का ध्यान आकृष्ट कराया। ध्यानाकर्षण सूचना के वक्त भी विपक्षी सदस्यों के शोर-शराबे के कारण विधानसभा की कार्रवाई अपराहन 12:18 पर दोपहर 12:40 के लिए स्थगित कर दिया गया