Ranchi News: झारखंड विधानसभा चुनाव की 81 सीटों पर शनिवार सुबह आठ बजे से मतगणना शुरू होगी। राज्य के 24 जिला मुख्यालयाें में मतगणना केंद्र बनाए गए हैं। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के रवि कुमार ने बताया कि सबसे पहले पाेस्टल बैलेट की गिनती हाेगी। इसके बाद साढ़े आठ बजे ईवीएम के वाेटाें की गिनती शुरू की जायेगी। सुबह 9.30 से रूझान आने लगेंगे। सबसे पहले ताेरपा और सबसे आखिर में चतरा विधानसभा क्षेत्र का रिजल्ट आयेगा। क्याेंकि, ताेरपा में सबसे कम 13 राउंड और चतरा में सबसे अधिक 27 राउंड की गिनती हाेगी।
अंतिम चुनाव परिणाम शाम पांच बजे के पहले तक आने की संभावना है। एनडीए और इंडिया खेमों के बीच कांटे की टक्कर हुई है। 15 से 18 सीटों पर नजदीकी मुकाबला है, जहां नजदीकी मुकाबला है। इन सीटों के परिणाम किसके पक्ष में आता है इस पर निर्भर करेगा कि झारखंड की सत्ता किसको मिलने वाली है। चुनाव के बाद आए एग्जिट पोल ने सत्ता के गणित को उलझा दिया है। एग्जिट पोल के नतीजे बंटे हुए हैं। अधिकांश ने एनडीए की सरकार बनने की संभावना जताई है जबिक तीन एजेंसियों ने इंडिया गठबंधन की सत्ता में वापसी की बात कही है। हालांकि, झारखंड में सत्ता की तस्वीर साफ नहीं है। मामला उलझा हुआ है। परिणाम आने के बाद ही तस्वीर साफ होगी। जयराम महतो की पार्टी के प्रदर्शन पर भी नजर रहेगी।
झारखंड में पहली बार ऐसा है कि सत्ता में वापसी को लेकर इंडिया और एनडीए दोनों खेमों में उत्साह है। दोनों को सत्ता में वापसी की उम्मीद है। इसके दो-तीन मुख्य कारण हैं। इंडिया खेमे को भरोसा है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने चुनाव के दो-तीन महीने पहले जनता को लुभाने के लिए जो योजनाएं शुरू की थी उसका लाभ चुनाव में मिला है। इनमें मंईयां सम्मान योजना, किसानों की कर्ज माफी, बिजली बिल माफ, दो सौ यूनिट मुफ्त बिजली आदि शामिल है। इन योजनाओं और हेमंत सोरेन के नेतृत्व में जनता ने भरोसा जताते हुए दुबारा समर्थन दिया है। सत्ता में वापसी को लेकर झामुमो सबसे अधिक उत्साहित है।
इधर, एनडीए को भी सत्ता आने का पूरा भरोसा है। भाजपा हेमंत सोरेन सरकार के खिलाफ एंटी इंकेंबेन्सी, पांच सालों की वादा खिलाफी, बांग्लादेशी घुसपैठ, रोजगार के सवाल पर युवाओं का आक्रोश, बालू की समस्या, भ्रष्टाचार और चुनाव घोषणा पत्र में जनता से किए गए कई वादों पर भरोसा है। भाजपा ने मंईयां सम्मान के बदले गोगो दीदी योजना, बेरोजगारी भत्ता, तीन लाख सरकारी पदों पर बहाली, 31 सौ रुपये क्विंटल धान की खरीद, एक रुपये में महिलाओं के नाम संपत्ति की रजिस्ट्री जैसी कई घोषणाएं की हैं। इन घोषणाओं पर जनता का समर्थन मिलने की उम्मीद भाजपा को है। भाजपा ने दो महीने के अंदर हेमंत सोरेन सरकार के खिलाफ आक्रामक रूख अपना था।
बहरहाल, परिणाम आने के बाद ही पता चलेगा कि जनता ने किसके पक्ष में फैसला दिया है। इस चुनाव में झामुमो को एक नया नेता मिल गया है। इस चुनाव में सबसे अधिक चर्चा कल्पना सोरेन की हुई। सबसे अधिक सुर्खियां कल्पना ने बटोरीं। कल्पना सोरेन स्टार प्रचारक बनकर उभरी हैं। उन्होंने खूब मेहनत की। धुंआधार प्रचार किया। एक सौ से अधिक सभाएं की। उनकी सभाओं में भारी भीड़ आई। उन्होंने जनता को अपनी ओर आकर्षित किया। इंडिया गठबंधन में सबसे अधिक मांग कल्पना सोरेन की रही। हेमंत सोरेन यदि सत्ता में वापसी करते हैं तो इसमें कल्पना की अहम भूमिका मानी जाएगी। यदि भाजपा सत्ता में आती है तो इसका सारा श्रेय झारखंड भाजपा के चुनाव प्रभारी शिवराज सिंह चौहान व सह प्रभारी हिमंता विस्व सरमा की रणनीति व मेहनत को जाएगा। इन दोनों ने नेताओं ने भाजपा में जान डालने का काम किया है। बैकफुट से फ्रंटफुट पर ला दिया।