पलामू। बैंक लॉकर में रखे गए ग्राहकों के कीमती संपतियां जेवरात व नगदी गायब हो गए। मामला यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया अब पंजाब नेशनल बैंक के मेदिनीनगर शाखा का है। इस बात का खुलासा पांच दिन पूर्व लॉकर चेक करने आए एक ग्राहक के बाद हुआ। उनका लॉकर प्रयास करने के बाद भी नहीं खुला। बाद में तकनीशियन के माध्यम से जब लॉकर को खोला तो उनके आभूषण गायब मिले। इसके बाद ग्राहकों की भीड़ बैंक में जुटने लगी। सोमवार को बैंक के वरीय अधिकारियों व पुलिस की मौजूदगी में कई लॉकर खोले गए उससे भी जवेरात व नगदी गायब पाए गए। जिसके बाद इस मामले में बैंक के डिप्टी मैनेजर प्रशांत कुमार सहित शहर के कई सर्राफा दुकानदारों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।नीलाम्बर पीताम्बर यूनिवर्सिटी के राजू मुखर्जी ने बताया कि उनके जेवरात गायब मिले हैं। बबीता सिंह ने बताया कि उनके लॉकर से करीब 800 ग्राम सोना और डेढ़ लाख रुपये नकदी गायब हैं।
पुलिस को एक डायरी मिली है, जिसमें लॉकर में रखे गए आभूषण और नकदी के बारे में विवरणी दर्ज है। डिप्टी मैनेजर ने पुलिस अधिकारियों को बताया कि सभी आभूषणों का हिसाब है। माना जा रहा है कि दरअसल लॉकडाउन के दौरान लॉकर से जेवरात व नगदी गायब करने का खेल खेला गया है।जिसमें डिप्टी मैनेजर की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है। लॉकडाउन की वजह से बैंकों के ग्राहक लॉकर को देखने नहीं गए। इस मामले के प्रकाश में आने पर शहर के सारे ग्राहकों की भीड़ विभिन्न बैंकों में उमड़ पड़ी है। सभी अपने लॉकर को खोलकर चेक करने में जुट हुए हैं।
जानकारी अनुसार गत 13 सितंबर को बिरसा कृषि विश्वविद्यालय चियांकी में कार्यरत कृषि वैज्ञानिक डॉ. अशोक सिन्हा जब बैंक में गए तो उन्हें लॉकर से जेवरात गायब मिले, जिसके बाद इसकी सूचना पुलिस को दी।
पुलिस को जांच में जानकारी मिली है कि डिप्टी मैनेजर ने ही ग्राहक के लॉकर में रखे जेवरात को निकालकर आभूषण कारोबारियों के पास 3 प्रतिशत के ब्याज पर गिरवी रख दिया है और उससे मिले पैसे को बाजार में 5 प्रतिशत ब्याज पर लगा दिया है। यह भी जानकारी मिली है कि डिप्टी मैनेजर प्रशांत कुमार शराब का कारोबार करता था। जिसमें हुए नुकसान की भरपाई के लिए वो लॉकर के गहने को गिरवी रखा था। ]