Patna: कई दिनो से जारी बयानजारी के बीच जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष और विधान पार्षद उपेंद्र कुशवाहा ने सोमवार को पार्टी के सभी पदो से इस्तीफा देते हुए नई पार्टी का एलान कर दिया। मीडिया से बातचीत करते हुए कुशवाहा ने कहा कि नई पार्टी राष्ट्रीय लोक जनता दल बनाने जा रहे है।
जनता दल यूनाइटेड (जदयू) में आर-पार की लड़ाई पर उतरे उपेंद्र कुशवाहा ने अपने फैसले की जानकारी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह को दे दी है। इससे पहले कुशवाहा की समर्थकों की बैठक में नयी पार्टी बनाने का फैसला लिया गया था।उपेंद्र कुशवाहा रविवार से पटना में जदयू के नेताओं-कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर रहे थे। पूरे बिहार से आये जदयू के हजारों कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करने के बाद उपेंद्र कुशवाहा ने पार्टी छोड़ने का फैसला लिया।
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि बिहार में तेजस्वी यादव को सत्ता सौंपने का फैसला इस राज्य को बर्बाद कर देगा। बिहार में फिर से जंगलराज वापस आयेगा। कुशवाहा ने कहा कि समता पार्टी और जेडीयू का गठन ही जंगलराज को खत्म करने के लिए हुआ था। जेडीयू के कार्यकर्ता जंगलराज को वापस नहीं आने देंगे।
कुशवाहा ने कहा कि नीतीश कुमार अपने मन से फैसला नहीं ले रहे हैं। उन्हें दो-तीन लोगों के कॉकस ने घेर लिया है। वे ही नीतीश कुमार से फैसले करवा रहे हैं। कुशवाहा ने कहा कि उन्होंने कई बार नीतीश कुमार को बताया कि पार्टी कमजोर हो रही है। उन्हें कार्यकर्ताओं की भावना से अवगत कराया, लेकिन कोई बात नहीं सुनी गयी। ऐसे में अब कोई दूसरा रास्ता नहीं बच गया था।
उपेंद्र कुशवाहा ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि नई पार्टी ‘राष्ट्रीय लोक जनता दल’ बनाने जा रहे हैं। कुशवाहा ने कहा कि बिहार की जनता ने नीतीश कुमार को राज्य चलाने की जिम्मेदारी सौंपी थी। जॉर्ज फर्नाडिंस के कारण नीतीश कुमार पार्टी के मुखिया बने थे। उस समय बिहार की जनता तबाह थी। बिहार की जनता को उस हालात से निकालने के लिए हमने 10-12 साल तक संघर्ष किया। बिहार को खौफनाक मंजर से निकालने में पूरी ताकत लगा दी।
कुशवाहा ने नीतीश कुमार की तारीफ भी की। उन्होंने कहा कि उस समय नीतीश कुमार ने बहुत अच्छा काम किया था, लेकिन अंत भला तो सब भला होता है। बाद में अंत भला नहीं हुआ। कुछ को छोड़कर जदयू में हर कोई चिंता व्यक्त कर रहा था। निर्वाचित सहयोगियों के साथ बैठक हुई और निर्णय लिया गया है। नीतीश कुमार ने शुरुआत में अच्छा किया लेकिन अंत में जिस रास्ते पर उन्होंने चलना शुरू किया है, वह उनके और बिहार के लिए बुरा है।
कुशवाहा ने कहा कि विपक्षी पार्टियों में एकता नहीं है और ऐसे में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए 2024 में जीतना आसान होगा। शुरुआती दौर में लालू जी ने भी जनता का ख्याल रखा, लेकिन बाद के दिनों में उनमें भटकाव आया। उन्होंने कहा कि वह आज अपने दम पर कार्रवाई करने में असमर्थ हैं क्योंकि उन्होंने कभी उत्तराधिकारी बनाने का प्रयास नहीं किया। अगर नीतीश कुमार ने उत्तराधिकारी चुना होता तो उन्हें इधर-उधर देखने की जरूरत नहीं होती। नीतीश कुमार 2-4 लोगों के कहने पर फैसले लेते हैं।
इससे पहले शनिवार को कुशवाहा ने पटना में बैठक बुलाई थी। जिसमें जदयू से जुड़े नेता और कार्यकर्ता शामिल हुए। दो दिनों तक बैठक चली। यह बैठक पटना के सिन्हा लाइब्रेरी परिसर में हुई। बैठक में जितेंद्र नाथ, सुभाष कुशवाहा, माधव आनंद, विधान पार्षद रामेश्वर महतो और रेखा गुप्ता को कुशवाहा ने कार्यक्रम के संचालन की जिम्मेदारी दी थी। सभी लोग पूर्व में जदयू को पदाधिकारी रह चुके हैं।