पटना।
लोक जनशक्ति पार्टी के संस्थापक व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान शनिवार को पंचतत्व में विलीन हो गए। पटना के दीघा स्थित जनार्दन घाट पर दिवंगत मंत्री सह लोजपा अध्यक्ष के राजकीय सम्मान के साथ हुए अंतिम संस्कार के दौरान राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी, केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे, नित्यानंद राय, गिरीराज सिंह, रवि शंकर प्रसाद व तेजस्वी यादव सहित कई गणमान्य लोगों ने नम आखों से रामविलास पासवान को अंतिम विदाई दी। अंतिम संस्कार के दौरान अपने पिता रामविलास पासवान को मुखाग्नि देने के दौरान चिराग पासवान काफी भावुक हो गए और बेहोश होकर गिर पड़े। इसके पहले दिवंगत पासवान के पार्थिव शरीर को उनके एसके पुरी स्थित घर से फूल मालाओं से सजाए गए सेना के वाहन से शव यात्रा निकाल दीघा घाट लाया गया।
उल्लेखनीय है कि 8 अक्टूबर की रात करीब 9:00 बजे दिल्ली के फोर्टिस एस्कॉर्ट अस्पताल में रामविलास पासवान का निधन हो गया था। उनके पार्थिव शरीर को 9 अक्टूबर की रात करीब 8:00 बजे पटना लाया गया। साथ में केंद्र के प्रतिनिधि के रूप में मंत्री रविशंकर प्रसाद भी साथ आए थे। एयरपोर्ट के स्टेट हैंगर पर मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, नेता प्रतिपक्ष, विधानसभा अध्यक्ष, विधान परिषद के सभापति सहित कई केंद्रीय मंत्रियों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी थी। इसके बाद उनके पार्थिव शरीर को बिहार विधान सभा परिसर और लोजपा कार्यालय में अंतिम दर्शन के लिए रखा गया। वहीं देर रात स्वर्गीय रामविलास पासवान के पार्थिव शरीर उनके इसके एसके पूरी आवास ले जाया गया।
अंतिम दर्शन के लिए पहुंची स्वर्गीय पासवान की पहली पत्नी राजकुमारी हुई बेहोश
स्वर्गीय मंत्री रामविलास पासवान के अंतिम दर्शन को लेकर उनके श्री कृष्णपुरी स्थित आवास पहुंची पहली पत्नी राजकुमारी श्रद्धांजलि देने के दौरान वह बेहोश हो गई। साथ ही उनकी तबीयत बिगड़ गई। आनन-फानन में उनके परिजन उन्हें वहां से हटा कर घर ले गए।
हाजीपुर जोन व अंबेडकर जयंती पर राष्ट्रीय अवकाश है पासवान की देन
स्वर्गीय रामविलास पासवान का राजनीतिक सफर कई उपलब्धियों से भरा रहा था। वे 11 बार चुनाव लड़े जिसमें 9 बार सफल रहे। वही चुनाव में उन्होंने दो बार विश्व रिकॉर्ड बनाए। उनकी उपलब्धियों में हाजीपुर में रेलवे जोनल ऑफिस को खोला जाना सहित अंबेडकर जयंती पर राष्ट्रीय अवकाश की घोषणा शामिल है। राजनीति में बाबासाहेब, जेपी नारायणन को अपना आदर्श मानने वाले स्वर्गीय पासवान ने राजनीति के अपने सफर में कभी पीछे पलटकर नहीं देखा।
6 प्रधानमंत्रियों के साथ काम करने का रहा अनुभव
स्वर्गीय राम विलास पासवान पिछले पांच दशक से भी ज्यादा समय से राजनीति में सक्रिय रहे थे। देश के बड़े दलित नेता के रूप में उनकी पहचान थी। पासवान के पास 6 प्रधानमंत्रियों के साथ उनकी सरकार में मंत्री रहने का अनुभव रहा था। स्वर्गीय पासवान को राजनीति का बड़ा मौसम वैज्ञानिक भी माना जाता था। अपने राजनीतिक जीवन काल में भले ही सरकार किसी की भी रही, स्वर्गीय राम विलास पासवान हमेशा सत्ता में रहे। इसमें सबसे खास बात यह रही कि उन्होंने हमेशा चुनाव के पहले गठबंधन किया। चुनाव के बाद कभी नहीं। आपातकाल के दौरान इंदिरा गांधी से लड़ने से लेकर पांच दशकों तक पासवान कई बार कांग्रेस के साथ तो कभी उसके खिलाफ चुनाव लड़ते और जीते रहे।