पटना।
एनआईए की टीम शनिवार को दो आतंकी को लेकर पटना एयरपोर्ट पहुंची। दोनो आतंकी सलीम और कफील दरभंगा रेलवे स्टेशन पर हुए पार्सल ब्लास्ट मामले में यूपी के कैराना से गिरफ्तार किए गए है। इसको लेकर एयरपोर्ट पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए। दोनो आतंकियों को पटना एयरपोर्ट से एटीएस कार्यालय लाया गया। वहां पूछताछ के बाद दोनो को एनआईए कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने दोनो को एक सप्ताह के लिए रिमांड पर दिया है। एक दिन पूर्व इस मामले में हैदराबाद से गिरफ्तार दो सगे भाईयो मो. मलिक और मो. नासिर मलिक को भी पटना लाया गया था।
मालूम हो कि इन लोगो ने लश्कर के इशारे पर लंबी दूरी की सिंकंदराबाद-दरभंगा एक्सप्रेस को निशाना बनाकर देश को दहलाने की साजिश रची थी। कपड़े के एक पार्सल में केमिकल बम और सेंसर लगाए गए थे, परन्तु ट्रेन के पार्सल वैन में ब्लास्ट नहीं हो सका। 17 जून को दरभंगा स्टेशन पर पार्सल में बम ब्लास्ट के बाद जांच एजेंसियां सक्रिय हुई।
जांच के क्रम में पार्सल से केमिकल बम की शीशी तथा एक मोबाईल नंबर मिला था जो एक आतंकी कफिल का बताया गया था। पार्सल को सिकंदराबाद जंक्शन से दरभंगा के लिए बुक किया गया था। मामला एनआईए के हांथ में आने पर सिकंदराबाद जंक्शन के सीसीटीवी फुटेज के आधार पर इस गहरी साजिश का पर्दाफाश हुआ। एनआईए ने इसके आधार पर हैदराबाद से दो सगे भाईयाें मो. इमरान मलिक और नासिर मलिक को पहले गिरफ्तार किया । बताया जाता है कि मो. नासिर ने पाकिस्तान में 2012 में केमिकल बम बनाने की ट्रेनिंग ली है। उसे पाकिस्तानी सेना और खुफिया एजेंसी आईएसआई ने ट्रेनिंग दी थी। दोनो भाईयों से एनआईए को महत्वपूर्ण सुराग मिले और फिर यूपी के कैराना से अन्य दो आतंकी सलीम और कफिल को गिरफ्तार किया गया। आतंकियों से मिली जानकारी के अनुसार पाक में बैठे लश्कर के हैंडलर इकबाल काना ने ब्लास्ट को अंजाम देने के लिए पुरानी दिल्ली के हवाला कारोबारियों के जरिए आतंकी सलीम को पैसे भेजवाए थे। इसमें गिरफ्तार आतंकी भाईयों को 1.5 लाख रूपए दिए गए थे। बिहार एटीएस गिरफ्तार आतंकियों से मो. सूफियान सहित उनके टारगेट वाली जगहो के बारे में पूछताछ कर रही है।