भोजपुर। जिले के सोन नदी के सुनहरे रेत पर वर्चस्व को लेकर शुक्रवार को गैंगवार हुआ। दो पक्षों के बीच हुए गाेलियों की बरसात में एक पक्ष के दो लोगों की मौत हो गई, जबकि एक गंभीर रुप से घायल हो गया। घटना कोइलवर थाना क्षेत्र के पंचरुखिया के निकट कमालुचक दियारा में बालू के घाट पर हुआ बालू घाटो में वर्चस्व को लेकर हुए खूनी जंग में आरा के जज कोठी के समीप स्थित मणिपुरम गोल्ड लोन कम्पनी के सहायक प्रबन्धक और उतरप्रदेश के महराजगंज से जुड़े बेहरिया कम्हरिया गांव निवासी खेदू प्रसाद के पुत्र दुर्गेश कुमार(40) की हत्या कर दी गई है।उसकी पहचान उसके कपड़े से मिले आधारकार्ड से हुई है। गोलीबारी में हत्या का शिकार हुए दूसरे व्यक्ति की अभी पहचान नही हो सकी है जबकि गोली से घायल तीसरा व्यक्ति शनिवार तक लापता है।
कोइलवर थाना क्षेत्र के कमालुचक दियारा में हुए खूनी खेल के बाद आसपास के इलाकों में शनिवार को भी वीरानगी छायी है।बालू घाट पर भी सन्नाटा पसरा हुआ है।कोइलवर थाना क्षेत्र के सोन नदी से सटे महादेवचक सेमरिया,महुई और कमालुचक दियारा बालू के अवैध उत्खनन,परिचालन और भंडारण के लिए कुख्यात क्षेत्र रहा है जहां बालू घाटों पर वर्चस्व को लेकर रह रह कर बंदूकें गरजती रहती हैं।अब तक इन इलाकों में बालू से माफिया बनने के प्रयास में वर्चस्व को लेकर कई हत्याएं हो चुकी है।कोइलवर के इन्ही इलाको में पूर्व में फौजी गुट और सिपाही गुट के बीच बालू घाट पर कब्जे को लेकर कई राउंड गोलियां चली थी जिसमे सत्येंद्र पाण्डेय के भाई की मौत हो गई थी।इसी क्षेत्र में बालू घाट पर लगी नावों की तरफ से किसानों के रैयती खेतो से अवैध ढंग से बालू काटे जाने के विरोध को लेकर हुई फायरिंग में स्थानीय निवासी विजेन्द्र राय की हत्या कर दी गई थी।इस फायरिंग में अन्य कई लोगो को गोली लगी थी और कई लोग घायल हुए थे।
बालू के अवैध खनन को लेकर खूनी खेल का कई बालू घाट गवाह रहे हैं।इनमे महादेवचक,मानाचक, सेमरिया,कमालुचक, बिंदगावां,फुंहा,राजापुर,संदेश, नारायणपुर,सारिपुर, नानसागर,किरकिरी,बजरेयाँ,फौजी घाट,बिहटा,ननौर,पेउर और बरुही ऐसे चिन्हित बालू घाटो की सूची में शामिल हैं जहां अक्सर बालू के अवैध खनन और बालू घाटों पर वर्चस्व को लेकर हत्याएं होती है।अब तक बालू घाटो पर वर्चस्व की लड़ाई में दो दर्जन से अधिक लोगो की हत्या की जा चुकी है।बालू पर वर्चस्व को लेकर भोजपुर जिले में दो दर्जन से अधिक गिरोह सक्रिय हैं,जिसमे कई सफेदपोश भी शामिल हैं।बालू के खूनी खेल को रोकने में भोजपुर पुलिस आजतक सफल नही हो सकी है।