बेगूसराय। देश के सच्चे हीरो को नमन करने के लिए कश्मीर से बांग्लादेश तक की यात्रा पर साइकिल से निकली छपरा की बेटी और साइकिलिंग में वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्डर सविता महतो शुक्रवार को बेगूसराय पहुंची। सविता ने कश्मीर से अपनी साईकिल यात्रा शुरू की है और 2957 किलोमीटर का सफर तय कर 25 जनवरी तक बांग्लादेश के ढाका पहुंचने का लक्ष्य है। इस यात्रा में दिल्ली से उसकी हमसफर बनी है साथी पर्वतारोही अनामिका विष्ट। दोनों लगातार अपने तय रुट प्लान के अनुसार आगे बढ़ रही है।
राइड फॉर रियल हीरोज के लक्ष्य के साथ निकली दोनों पर्वतारोही बेटियां बिहार की बेटी सविता महतो एवं उत्तराखंड की बेटी अनामिका बिष्ट की सोलो राइड शुक्रवार की सुबह बाढ़ से निकलकर राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की धरती बेगूसराय पहुंची। जहां राजेन्द्र पुल पर साइकिल पर संडे टीम के सदस्यों के द्वारा दोनों साइकिल सवार बेटियों का भव्य स्वागत किया गया।
50 की संख्या में साइकिल पर संडे टीम के सदस्यों ने उनके साथ-साथ मध्य विद्यालय बीहट तक साइकिलिंग की तथा विद्यालय परिसर में दोनों का स्वागत समारोह साइकिल पर संडे की मेजबानी में की गई। जिसका नेतृत्व बरौनी के अंचलाधिकारी सुजीत सुमन, बीहट नगर परिषद के नवनिर्वाचित उप मुख्य पार्षद ऋषिकेश कुमार, साइकिल पर संडे के विनोद भारती, प्रशांत कुमार, विपिन राज, अभियंता गौरव, अमन कुमार, अंशु, गोविंद एवं मध्य विद्यालय की प्रभारी प्रधानाध्यापिका पूनम कुमारी ने किया। मौके पर दोनों साइकिलिस्ट को अंग वस्त्र एवं पौधे भेंट किए गए।
इस अवसर पर सविता ने कहा कि यदि आप बदलाव चाहते हैं तो अकेले ही मैदान में उतरना पड़ेगा। आज के दौर में माता-पिता अपनी बेटियों को घर से बाहर भी नहीं निकलने देते, लेकिन वह एक रिवोल्यूशन के लिए घर से बाहर निकली है। जब उसने साइकिलिंग के क्षेत्र में कदम रखा था तो उस समय भी उसे घर वालों का साथ नहीं मिला था, लेकिन अब घरवालों के साथ साथ दूसरे लोगों का भी साथ मिल रहा है। इसे दूसरी बेटियों को भी प्रेरणा मिलेगी कि वह भी घरों से बाहर निकलें और अपने सपनों को पूरा करें।
पर्वतारोही उत्तरकाशी की बेटी अनामिका विष्ट ने कहा कि वह यूरोप महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी एलब्रुस-5642 मीटर का सफल आरोहण कर चुकी है। एवरेस्ट का सफल आरोहण करने वाली उत्तरकाशी की पहली महिला पर्वतारोही है। उन्होंने इस अभियान का शंखनाद सात सदस्यीय टीम के संग मास्को से किया था। मौसम अनुकूल नहीं होने के कारण चार सदस्य आरोहण नहीं कर पाए, लेकिन लेफ्टिनेंट रोमिल के संग-संग बेंगलुरु की गायत्री ने सफल आरोहण कर भारत का सिर गर्व से ऊंचा किया। अब उनकी नजर अर्जेंटीना की सबसे ऊंची चोटी माउंट एकोंगा-6961 मीटर पर है।