araria news : जिले के रानीगंज थाना क्षेत्र के पचीरा पंचायत के वार्ड संख्या छह में समूह ऋण के किस्त की अदायगी नहीं कर पाने की स्थिति मां बाप द्वारा अपने संतान को नौ हजार रुपये में बेच देने का मामला प्रकाश में आया है। सोशल मीडिया में मामला के उजागर होने के बाद रानीगंज थाना पुलिस ने मामले को गम्भीरता से लिया।पुलिस ने सक्रियता दिखाते हुए बच्चे को बरामद कर लिया है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार रानीगंज थाना क्षेत्र के पचीरा पंचायत निवासी ने 50 हजार रुपये समूह लोन के रूप में एक फाइनेंस कंपनी से लिया था। जिसकी किस्ती को लेकर कंपनी के एजेंट के द्वारा परेशान किया जा रहा था। कर्ज को चुका पाने में असमर्थता पर आखिरकार एजेंट के द्वारा मां बाप ने अपने डेढ़ साल के जिगर के टुकड़े को ही बेचने का निर्णय ले लिया। फाइनेंस का कर्ज चुकाने के लिए मां -बाप ने थक-हारकर अपने डेढ़ वर्षीय पुत्र गुफरान को नौ हजार रुपये में बेच डाला।
समूह लोन का कर्ज चुकाने के लिए मां -बाप के द्वारा अपने ही बेटे को बेचे जाने और बच्चा को खरीददार द्वारा बेंगलूर भेजे जाने का मामला सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। बच्चा बेचे जाने की सूचना सोशल मीडिया से रानीगंज थाना पुलिस को लगी।जिसके बाद थानाध्यक्ष निर्मल कुमार यादवेंदु लाचार मां बाप के लिए देवदूत बनकर बच्चे को वापस दिलाने के लिए तो त्वरित कार्रवाई शुरू कर दी। थानाध्यक्ष निर्मल कुमार यादवेंदु ने थाना सनहा संख्या 1141/24 दर्ज कर आगे की कार्रवाई में जुट गए।
रानीगंज थाना के एएसएचओ कनकलता,सब इंस्पेक्टर चन्दन कुमार सहित पुलिस बल ने बच्चा खरीदने वाले आरोपी डुमरिया वार्ड संख्या 10 निवासी मो.आरिफ के घर पर पहुंच बच्चे को बरामद करके थाना लाया।जहां बच्चा के पिता व बच्चा खरीदने वाला व्यक्ति से जरूरी पूछताछ किया गया। बरामद किए गए बच्चा को रानीगंज पुलिस ने बाल कल्याण समिति अररिया को सुपुर्द कर दिया। आमजन अब ऐसी परिस्थिति पैदा करने वाले फाइनेंस कंपनी और उनके एजेंट पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं