हजारीबाग। सदर थाना क्षेत्र के कुम्हार टोली मोहल्ले में संचालित एक लड्डू सह नमकीन मिक्चर फैक्टरी में काम करने के दौरान तीन बाल मजदूर खौलते तेल में गिर गए। तीनों की गंभीर स्थिति को देखकर रांची रिम्स रेफर किया गया है। घटना बुधवार रात करीब 11 : 30 बजे की बतायी गई है। रात करीब 12 बजे इन्हें भर्ती कराया गया था। रिम्स के बर्न वार्ड में सर्जरी विभाग के डॉ शीतल मलुआ की देखरेख में तीनों बच्चों का इलाज चल रहा है।डॉ मलुआ से संपर्क करने पर उन्होंने बताया कि तीनों की स्थिति गंभीर है लेकिन रिकवर होने की उम्मीद है।
घायलों में पिंटू कुमार (14) वर्षीय रंजन कुमार (12) तथा नीतेश कुमार मांझी हैं। तीनों बिहार के रहने वाले बताए जा गए हैं। मामला नाबालिग मजदूर के होने के कारण रात में ही संचालक लीपापोती में जुट गए थे। चिकित्सा पंजी में पिता का नाम तथा संचालक का भी नाम भी गायब होने की बात कही गई है। जो नाम दिए गए हैं वो भी गलत बताया जा रहा हैं।
इतना हीं नहीं घायल बाल मजदूरों को अस्पताल लेकर आने वाले शख्स ने वहां मौजूद पुलिस विभाग के लोगों को भी जानकारी नहीं दी। कि यह पुलिस केस है। यही कारण है कि पुलिस को भी इसकी भनक नहीं लगी, जब मामला वायरल हुआ तो पुलिस जांच में जुटी गई है। शुक्रवार को एसपी चौथे मनोज रतन ने पत्रकारों को बताया कि मामला संज्ञान में आया है। मामले की जांच की जा रही है।उल्लेखनीय है कि संचालक शहर में घूम-घूम कर मिठाई्र, मिक्चर और लड्डू बेचता है। जानकारी अनुसार फैक्ट्री का मालिक संतोष कुमार जो जमूई बिहार का रहने वाला बताया गया है।
घटना की जानकारी मिलने के बाद घायलों का हालचाल जानने के लिए कैलाश सत्यार्थी फाउंडेशन के प्रोग्राम मैनेजर गोविंद खनाल, बचपन बचाओ आंदोलन के स्टेट कोऑर्डिनेटर श्याम मलिक और कैलाश सत्यार्थी फाउंडेशन के सीनियर एक्टिविस्ट अरविंद कुमार रिम्स के बर्न वार्ड पहुंचे और घायलों की जानकारी ली।
बचपन बचाओ आंदोलन के स्टेट कोऑर्डिनेटर श्याम मलिक ने कहा कि बाल मजदूरी कानूनन जुर्म है। हजारीबाग के कुम्हार टोली स्थित आश्रम नगर में अवैध तरीके से फैक्टरी का संचालन किया जा रहा था। यहां लगभग 12 बच्चे बाल मजदूरी कर रहे थे। उन्होंने कहा कि बिहार के जमुई जिले के ठेकेदार की देखरेख में काम करवाया जाता था। इस मामले को लेकर खुद हजारीबाग के एसएसपी से बात करूंगा और दोषी ठेकेदार को सजा दिलाने का काम करूंगा।