गया। प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के सेंट्रल कमेटी के मेंबर व जोनल कमांडर विजय यादव उर्फ संदीप यादव की मौत के बाद ब्रह्मभोज का आयोजन किया गया। ब्रह्मभोज में हजारो लोग शामिल हुए। जबकि सुरक्षा बलो द्वारा आईडीकार्ड मांगे जाने पर बड़ी संख्या में लोग वापस भी हो गए। जानकारी अनुसार ब्रह्मभोज के दौरान संदीप यादव के घर पर बड़ी संख्या में सुरक्षा बल भी लगाए गए थे जो हर गतिविधि पर पैनी नजर रख रहे थे। इस दौरान ब्रह्मभोज में शामिल होने आए लोगो से सुरक्षा बलो ने उनकी आईडी कार्ड मांगी। इस पर पुलिस के पचड़े से बचने के लिए बड़ी संख्या में लेाग वापस भी लौट गए।
जिले के बांके बाजार प्रखंड अंतर्गत लूटुआ थाना क्षेत्र के बाबूराम डीह गांव में संदीप यादव के पैतृक मकान पर ब्रह्मभोज कार्यक्रम संध्या के 4:00 बजे से देर रात्रि तक चलता रहा। इस दौरान कोबरा सीआरपीएफ और स्थानीय पुलिस की कड़ी निगाहें बनी रही। हर आने जाने वालों की जांच की जा रही थी। ब्रह्मभोज में आने वाले लोगों ने विजय यादव संजीव यादव के चित्र पर पुष्प अर्पित किए और श्रद्धांजलि दी। वही बताया जा रहा है कि इसमें संगठन के लोग भी काफी संख्या में शरीक हुए। काफी गोपनीय तरीके से संगठन के लोग शामिल होने को आए थे।
गौरतलब हो क बिहार-झारखंड समेत पांच राज्यों के मोस्ट वांटेड नक्सली संदीप यादव की संदिग्ध हालात में 26 मई को जंगल में मौत हो गई थी। संदीप पर बिहार और झारखंड में 30 लाख रुपये से ज्यादा का इनाम था। संदीप ने साल 1989 में मेट्रिक पास कर पढ़ाई छोड़ दी थी जिसके बाद 1994 में उसने एक नक्सली संगठन का हाथ थाम लिया था। तब से अब तक संदीप यादव के खिलाफ 500 से ज्यादा केस दर्ज हुए। बिहार, झारखंड, ओडिशा, वेस्ट बंगाल और आंध्र प्रदेश समेत कई राज्यों में संदीप यादव के ऊपर केस दर्ज थें। उसके मौत का सही कारण अबतक पता नही चल सका है। कुछ लोगों का मानना है कि वह काफी समय से बीमार चल रहा था। हर रोज दवा भी लेता था। संदेह है कि संदीप की मौत दवाइयों के रिएक्शन की वजह से हुई है।