देवघर।
लगातार दूसरे वर्ष भी बाबा धाम में श्रावणी मेला नहीं लगेगा। कांवड़ यात्रियों को देवघर आने की भी अनुमति नहीं दी गई है। इससे बाबा भक्तों, स्थानीय लोगों ,व्यवसायियों और पुरोहितों में गहरी निराशा है। जिला प्रशासन की ओर से यात्रियों का बाबा धाम में प्रवेश को रोकने के लिए 5 स्थानों में चेक पोस्ट लगाया जा रहा है। प्रवेश रोकने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल भी मांगने की तैयारी है। इधर राजनीतिक तौर पर सरकार के निर्णय के विरुद्ध प्रतिरोध तेज हो गया है। स्थानीय सांसद निशिकांत दुबे एवं भाजपा विधायक सह जिला अध्यक्ष नारायण दास ने आम लोगों के लिए मंदिर खोले जाने की मांग की है।
डीसी मंजूनाथ भजंत्री ने बताया कि यात्रियों को देवघर आने की अनुमति नहीं है। हाल के दिनों में देवघर में कोरोना संक्रमितों के मामले में बढ़ोतरी हुई है। ऐसे में बाहर से आने वाले यात्रियों के जमावड़े को रोका जाएगा। उन्होंने बताया कि दर्दमारा अंधरीगादर, दुम्मा ,जमुई बॉर्डर और जयपुर मोड़ के पास चेक पोस्ट लगाकर देवघर प्रवेश पर रोक लगाया जाएगा। इस बाबत एक हजार की संख्या में अतिरिक्त पुलिस बल लगाया जाएगा।
वही तीर्थ पुरोहित समाज के कनक कांति झा, बाबा झा का कहना है कि एक षड्यंत्र के तहत यात्रियों को रोकने की व्यवस्था की जा रही है। सरकार की तानाशाही है। जबकि युवा व्यवसाई कुंदन शाह व रवि पांडे का कहना है कि सीमित संख्या में तीर्थ यात्रियों को आने की इजाजत दी जानी चाहिए ताकि उनके जीवनयापन का आधार बचा रहे। भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और विधायक नारायण दास ने कहा कि सरकार जानबूझकर अरबों की आर्थिक व्यवस्था को ठप कर जनता को भुखमरी के कगार पर पहुंचाना चाहती है।
श्रावणी मेला बैद्यनाथ धाम -बासुकीनाथ श्राइन बोर्ड की नियंत्रण में है । जिसके पदेन अध्यक्ष स्वयं मुख्यमंत्री हैं। विश्व के सबसे लंबे व विख्यात श्रावणी मेला नहीं लगने से लोगों में निराशा है। मेले में आर्थिक गतिविधियां चरम पर होती है और इस दौरान यहां करीब 2 अरब से ज्यादा का व्यवसाय होता है।