रांची । राज्यपाल-सह-झारखंड राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति रमेश बैस ने कहा कि राज्य में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में विकास के लिए कार्यप्रणाली में गति लाने की नितांत आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि कार्य में शिथिलता शिक्षा जगत एवं राज्य के विकास में बाधक है। राज्यपाल ने वर्ष 2010 एवं 2018 के स्टैच्यूट निर्माण की समीक्षा करते हुए नाराजगी प्रकट करते हुए कहा कि अब तक स्टैच्यूट का निर्माण नहीं होने से विश्वविद्यालय के विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया काफी लम्बे समय से वंचित है। राज्यपाल राज भवन में विश्वविद्यालयों की विभिन्न समस्याओं के निदान हेतु किये जा रहे प्रयासों की समीक्षा कर रहे थे।
बैठक में झारखंड लोक सेवा आयोग की अध्यक्ष डॉ० मेरी नीलिमा केरकेट्टा, राज्यपाल के प्रधान सचिव डॉ० नितिन कुलकर्णी, सचिव, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग राहुल कुमार पुरवार, निदेशक, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा सूरज कुमार समेत विभाग के अन्य अधिकारीगण शामिल थें।
राज्यपाल ने बैठक में सहायक प्राध्यापकों की नियुक्ति में दिव्यांग व्यक्तियों को दिये जा रहे आरक्षण पर चर्चा करते हुए कहा कि विभिन्न श्रेणी के दिव्यांगों को चार प्रतिशत का आरक्षण सुनिश्चित किया जाय। उक्त अवसर पर राज्यपाल को उच्च एवं तकनीकी शिक्षा सचिव राहुल पुरवार द्वारा अवगत कराया गया कि पूर्व के प्रावधान के अनुसार प्राय: एक ही श्रेणी के दिव्यांग को लाभ मिलने की संभावना बनी रहती थी, जिसे दूर करने की दिशा में कार्रवाई की जा रही है।
राज्यपाल ने कहा कि दिव्यांग के उल्लेखित श्रेणी में किसी एक श्रेणी का अभ्यर्थी उपलब्ध नहीं होने पर दिव्यांग के अन्य श्रेणियों के अभ्यर्थियों की नियुक्ति करने पर चर्चा हुई, ताकि पद रिक्त न रहे। राज्यपाल ने राज्य में घंटी आधारित शिक्षकों के संदर्भ में चर्चा करते हुए कहा कि उच्च शिक्षण संस्थानों में विभिन्न विषयों में विद्यार्थियों के अनुपात में शिक्षकों की उपलब्धता हो ताकि शिक्षकों को अधिक-से-अधिक शिक्षण का अवसर प्राप्त होगा। इस अवसर पर घंटी आधारित शिक्षकों के प्रति घंटी मानदेय में वृद्धि के संदर्भ में चर्चा हुई। साथ ही उन्होंने कहा कि घंटी आधारित शिक्षकों की नियुक्ति भविष्य में न की जाय।
राज्यपाल ने कहा कि झारखंड लोक सेवा आयोग को दिव्यांगों के लिए विशेष भर्ती अभियान चलाने के बारे में सोचे जिससे कि उनकी बैकलॉग पदों पर नियुक्ति हो सके। राज्यपाल ने इस अवसर पर झारखंड प्राद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति की नियुक्ति प्रक्रिया की भी जानकारी प्राप्त की। राज्यपाल ने कहा कि राज्य के उच्च शिक्षण संस्थानों में ज्ञान-विज्ञान का ऐसा बेहतर माहौल बने जिससे अधिक-से-अधिक विद्यार्थी यहाँ उच्च शिक्षा ग्रहण करने के प्रति रुचि रखें।