Patna: राज्य सरकार की ओर से बिहार कारा हस्तक, 2012 के नियम-481(i) (क) में किए गए संशोधन के बाद बाहुबली नेता आनंद मोहन की जेल से रिहाई का रास्ता साफ हो गया है। इस संशोधन के तहत सरकारी सेवक की हत्या के दोषी की रिहाई के मामले में अब इसे एक साधारण हत्या मानी जायेगी। यानी ऐसे दोषियों की रिहाई के लिए राज्य सरकार के आदेश की जरूरत नहीं होगी, बल्कि सजा पूरी होने के बाद स्वतः सामान्य रिहाई के प्रावधानों के तहत उनकी रिहाई हो जायेगी।
इसका फायदा अब आनंद मोहन को मिला जो सजा पूरी होने के बाद भी जेल में बंद है।इस सबंध में गृह विभाग की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि उनके ऊपर जो डीएम की हत्या का मामला दर्ज था उसे विलोपित कर दिया गया है। हालांकि आनंद मोहन फिलहाल बेटे की सगाई को लेकर पैरोल पर बाहर है।
गोपालगंज के जिलाधिकारी जी कृष्णैया की गोली मारकर हत्या की गई हत्या मामले में उम्र कैद की सजा हुई थी
उल्लेखनीय है कि 5 दिसंबर 1994 को गोपालगंज के जिलाधिकारी जी कृष्णैया की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में आनंद मोहन को सजा हुई थी। 2007 में इस मामले में पटना हाई कोर्ट ने उन्हें दोषी ठहराया था और फांसी की सजा सुनाई थी। हालांकि 2008 में हाई कोर्ट की तरफ से ही इस सजा को उम्र कैद में तब्दील कर दिया गया था। उनकी 14 साल की सजा पूरी हो चुकी है, लेकिन लोक अभियोजक की हत्या के कारण आनंद मोहन जेल से रिहा नहीं हो पा रहे थे। लेकिन उनकी रिहाई के राह में बाधा रहे नियम को ही समाप्त कर दिया है।