सहरसा। पृथक मिथिला राज्य आंदोलन की प्रतिनिधि संस्था मिथिला राज्य निर्माण सेना बिहार का मिथिला पुनर्जागरण यात्रा का द्वितीय चरण 2 जनवरी को उग्रतारा स्थान महिषी से शुरू होगा। 3 जनवरी को सिंहेश्वर स्थान मधेपुरा होते हुए 4 जनवरी को सुपौल जिले के बलुआ बाजार पहुंचेगी। वहां रात्रि में विश्राम के बाद अगले दिन झंझारपुर के लिए रवाना होगी। यह यात्रा मिथिला राज्य निर्माण सेना के महासचिव राजेश झा के नेतृत्व में होगा।
विजया होटल के सभागार में शुक्रवार को आयोजित प्रेसवार्ता में इसकी जानकारी स्वयं महासचिव राजेश झा ने दी। उन्होंने बताया कि मिथिला राज्य आंदोलन की स्वीकार्यता बढ़ाने के लिए जनजागरण में मैथिली शब्द अंकित कराना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि बिहारी सत्ता से लाभान्वित राजनैतिक दलो द्वारा षड्यंत्रपूर्वक मैथिली और मिथिला का अधिकार छीनने का प्रयास पिछले 70 वर्षो से जारी है। बिहारी सत्ता के दमनकारी नीतियों के विरोध में यह मिथिला पुनर्जागरण यात्रा संपूर्ण मिथिला का भ्रमण करेगी। यह यात्रा पांच चरणो में होगा, जिसमें प्रथम चरण में मधुबनी, दरभंगा, समस्तीपुर और बेगुसराय के विभिन्न क्षेत्रो से होकर गुजर चूकी है। तीसरे चरण में पूर्णिया कमिश्नरी के जिले को शामिल किया जाएगा।
वहीं सचिव आनंद बिहारी ठाकुर ने कहा कि इस लड़ाई को अंतिम परिणाम तक पहुंचाया जाएगा। यात्रा संयोजक जीवानंद झा ने कहा कि आंदोलन में सभी जाति व धर्म की सहभागिता है। कोसी-पुर्णिया के लोग भी अलग मिथिला राज्य चाहते है। युवा साहित्यकार शैलेंद्र शैली ने कहा कि यात्रा से लोगो में जागरूकता आएगी। मौके पर पंचायत सदस्य अनिल झा, अनंत झा, बबलू गोइत, सुमन कुमार, किसलय कृष्ण, सुभाष चंद्र झा आदि मौजूद थे।