पटना। नालंदा जिले के दो जदयू कार्यकर्ताओं के आरोप पर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने अपने ही पार्टी (जदयू) के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय इस्पात मंत्री आरसीपी सिंह से पत्र लिखकर स्पष्टीकरण मांगा है। आरसीपी सिंह पर आरोप है कि 2013 से 2022 तक उन्होंने अकूत संपत्ति बनाई है। वहीं आरसीपी सिंह ने इस आरोप को निराधार बताया है।
प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने पत्र के माध्यम से आरसीपी सिंह से बिंदुवार जवाब मांगा है। उन्होंने पत्र में लिखा है कि नालंदा जिला जदयू के दो साथियों का साक्ष्य के साथ परिवाद प्राप्त हुआ है। उसमें यह उल्लेख है कि आपके एवं आपके परिवार के नाम से 2013 से 2022 तक अकूत अचल संपत्ति निबंधित कराई गई है। इसमें कई प्रकार की अनियमितताएं दृष्टिगोचर होती हैं। प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने परिवाद की प्रति और सबूतों के साथ चार अगस्त को रामचंद्र प्रसाद सिंह को पत्र भेजा लेकिन अभी तक उन्होंने अपना जवाब नहीं दिया है।
नोटिस के साथ रहुई के पूर्व जदयू प्रखंड अध्यक्ष सुरेश प्रसाद का पत्र भी संलग्न किया गया है। इसमें आरोप लगाया गया है कि राज्यसभा सांसद बनने के बाद नालंदा जिले के दो अंचलों अस्थावां एवं इस्लामपुर में करीब 40 बीघा जमीन खरीदी गई है।
जमीन की खरीद में कोई गड़बड़ी नहीं: आरसीपी सिंह
पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने कहा कि उनकी दो बेटियों के नाम पर जमीन की खरीद में कोई गड़बड़ी नहीं है। उनकी दोनों बेटियां आईपीएस और वकील हैं। दोनों 2010 से आयकर रिटर्न दाखिल कर रही हैं। मेरे पिताजी सरकारी सेवा में थे। उन्होंने अपनी पूरी संपत्ति हमारी दोनों बेटियों के नाम कर दी थी। उन्होंने कहा कि जमीन की खरीद कई टुकड़े में हुई है। कुछ जमीन बदलेन (जमीन के बदले जमीन) की भी है। शहर की तुलना में गांव की जमीन सस्ती होती है। सिंह ने कहा कि जमीन की खरीद में उनके बैंक खाता से एक रुपये का भी लेन-देन नहीं हुआ है।