Ranchi: बरियातू थाना क्षेत्र अंतर्गत एदलहातु के रहने वाले 8 वर्षीय शौर्य के हत्यारे को रांची पुलिस ने कोडरमा के जयनगर रोड गिरफ्तार कर लिया है। पकड़ा गया हत्यारा करीबी ही निकला। संजू पांडा नाम के शख्स ने मासूम शौर्य को अगवा करने के एक घंटे बाद ही मार डाला था शौर्य एदलहातु के आराधना गली का रहने वाला था और संजू पांडा शौर्य का किरायेदार रह चुका था। ग्रामीण एसपी रांची नौशाद आलम ने इसकी पुष्टि की है।
जानकारी अनुसार संजू कुमार पांडा हजारीबाग का रहनेवाला है। कोडरमा जिले में उसका ससुराल बताया गया है। आरोपी एमबीए किए हुए है। कारोना काल के पूर्व वह बंगलौर में रहता था। कारोना काल के बाद वह शौर्य के पिता राजू गोप के घर में किरायेदार के रूप में रहने वाले अपने बहन और बहनोई के साथ ही रहा करता था। इस दौरान वह राजू गोप के बेटे शौर्य सहित पूरे परिवार से घुल मिल गया था। बाद में संजू अपने बहन के यहां न रहकर रांची के ही पुंदाग में एक रूम लेकर रहने लगा था। इसी बीच गलत संगत में फंस कर संजू कर्ज के चक्कर में फंस गया। उसे पांच लाख रुपये की जरूरत थी। संजू इस दौरान लगातार अपनी बहन के घर आता जाता था, इसी बीच उसे यह ख्याल आया कि अगर वह शौर्य को अगवा कर उसके पिता से फिरौती मांग लेगा तो उसे कर्ज चुकाने में मदद मिल जाएगी।
मासूम शौर्य को अगवा करने के लिए संजू ने दो दिनों तक शौर्य की रेकी की। संजू को यह पता था कि शाम के समय हर दिन शौर्य कुछ न कुछ खरीदने के लिए घर से बाहर निकलता है। 3 फरवरी की देर शाम भी शौर्य चिप्स लेने के लिए घर से निकला था, उस दौरान संजू पास में ही कार में बैठा हुआ था। जैसे ही शौर्य चिप्स लेकर दुकान से बाहर आया, संजू ने उसे आवाज देकर अपने पास बुलाया। चूंकी शौर्य संजू को जानता था, वह उसके पास चला गया। इस दौरान संजू पांडा ने शौर्य से चिप्स मांग कर भी खाया। जब शौर्य वापस जाने लगा तो संजू ने फिर उसे वापस बुलाया और अपने साथ कार में बैठा लिया।
कार में बैठते पर शौर्य शोर मचाने लगा और कार से उतरने की कोशिश करने लगा. यह देखकर संजू घबरा गया. उसने कुछ ही दूर आगे जाने के बाद शौर्य पर बेरहमी से कई वार कर दिया, इससे शौर्य अचेत हो गया। मोरहाबादी से निकल कर संजू सीधे नगड़ी पहुंचा, उस दौरान शौर्य की सांसे चल रही थी। नगड़ी में ही संजू ने शौर्य को एक बार फिर मारा, जब मासूम की सांस थम गई तब उसने उसे बोरे में डाल उसमें इट भर कर पानी में डाल दिया और वहां से सीधे कोडरमा भाग गया।
एसएसपी किशोर कौशल मासूम शौर्य के हत्यारों को पकड़ने के लिए एसआईटी का गठन किया गया था। इसमें टेक्निकल सेल, एसएसपी क्यूआरटी तो पहले से ही काम कर रही थी। जिसमें दो डीएसपी, बरियातू थानेदार सहित कई अन्य अफसर शामिल थें।