कोडरमा। झुमरी तिलैया में संचालित विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान में आवासित एक युवती द्वारा वहां कार्यरत्त केयर टेकर अंजनी देवी को मारपीट कर गंभीर रूप से घायल कर फरार होने का मामला सामने आया है। घटना गुरुवार रात की बतायी गई है। घटना के वक्त पीड़ित आया संस्थान में अकेली थी। युवती ने केयरटेकर अंजनी देवी के सिर पर वार किया गया है। बाद में वह साड़ी के सहारे बालकनी से कूदकर भाग गई। शुक्रवार की सुबह जब बाल गृह के कर्मचारी वहां पहुॅचें तब उन्हें इसके बारे में पता चला। तब अंजनी को कोडरमा सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया।
महिला को बेहतर इलाज के लिए रांची रेफर कर दिया गया है। फिलहाल अंजनी पर हमला क्यों किया गया है इसका खुलासा नहीं हो पाया है। वहीं मामले की जानकारी पाकर तिलैया पुलिस पहुंची और छानबीन में जुटी है। मामले में पीड़ित आया अंजनी देवी के पुत्र ने थाना में आवेदन देकर संस्थान प्रबंधन सहित अन्य कर्मियों पर गंभीर आरोप लगाया है। उसने आवेदन में कहा है कि रात्रि में उसकी मां को अकेली ड्यूटी पर लगाया गया था।
गौरतलब हो कि दतक ग्रहण संस्थान में 0-5 वर्ष तक के ही बच्चे रखे जाते है, पर उसमें एक युवती को किस तरह आवासित किया गया। यह जांच का विषय माना जा रहा है। बताया जाता है कि जिला समाज कल्याण विभाग और सीडब्ल्यूसी के अधीन संचालित विशिष्ट दतक ग्रहण संस्थान और बालगृह के संचालन में भारी अनियमितता बरती जा रही है।
जानकारी अनुसार अंजनी को चार दिन पहले ही बालगृह लाया गया था। तिलैया पुलिस के अनुसार युवती प्रेम प्रसंग में मिर्जापुर इलाहाबाद से ट्रेन से कोडरमा रात में आयी थी। जिसके बाद वह खुद थाने पहुॅची थी। जहां से उसे चाइल्ड लाईन के हवाले कर दिया गया था। चाइल्ड लाईन के द्वारा युवती को सीडब्ल्यूसी के समक्ष प्रस्तुत किया गया था। जहां समिति ने युवती की उम्र 14 वर्ष मानते हुए उसे दत्तक संस्थान में रख दिया था।
जिला समाज कल्याण विभाग और सीडब्ल्यूसी के अधीन ग्राम प्रौद्योगिकी विकास संस्थान एनजीओ के द्वारा बालगृह व विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान दोनों एक ही भवन में संचालित हो रहे है। जो जेजे एक्ट का उल्लंधन है। जानकारी अनुसार एनजीओ की ओर से कई वर्षों से बालगृह व विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान के संचालन में भारी अनियमितता बरती जा रही है । अबतक कई बार यहां बच्चों के भागने की घटना हो चुकी है। उपायुक्त के निर्देश पर डीडीसी लोकेश मिश्रा द्वारा की गई संस्थान की जांच में भी इसकी पुष्टि हो चुकी है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार डीसीपीओ के विरुद्ध मिली शिकायत पर विभाग से भी जांच कर कारवाई करते हुए रिपोर्ट भेजने का निर्देश जिले को कई बार दिया गया। लेकिन हर बार डीसीपीओ को बचाने का कार्य किया गया