Siwan News: जिले के हुसैनगंज का गुम हुआ एक युवक कुंभ में मिला। चार साल पहले परिजन ने युवक काे बहुत ढूंढा पर कहीं कुछ पता नहीं चला। थक हार कर परिजन ने अंतिम संस्कार भी कर दिया लेकिन कहते हैं जाको राखे साईयां मार सके ना कोय। ये दोहा हुसैनगंज के कुम्हार टोली में उस वक्त चरितार्थ हुआ जब गांव से लगभग 4 वर्ष 4 महीने पूर्व गुम हुआ युवक प्रयागराज की भीड़ में भीख मांगते मिला। उसकी पहचान रामप्रवेश पंडित के पुत्र परमेश्वर पंडित के रूप में हुई। इस खबर से परिवार में खुशी है।

कुंभ में व्हीलचेयर पर भिख मांगता मिला परमेश्वर
हुसैनगंज बाज़ार से चार–पांच लोगों की टोली पिछले दिनों प्रयागराज कुंभ में स्नान करने गई थी। स्नान करके जब वे लोग लौट रहे थे तभी गुमशुदा युवक ने अपने गाँव के लोगों को देख कर पहचान लिया। वह पास आकर इन लोगों का पैर पकड़ लिया। जब लोगों ने गौर से देखा तो इन लोगों ने भी उसे पहचान लिया। वह कोई और नहीं बल्कि वह गांव के राम प्रवेश पंडित का गुमशुदा पुत्र परमेश्वर पंडित था। दरअसल परमेश्वर जन्म से ही गूंगा और विकलांग था। इसलिए न तो वह चल सकता था ना ही बोल सकता था।
भीख मांगने वाले गिरोह का सरगना छोटा भाई बता रहा था
परमेश्वर भले ही बोल नहीं सकता था लेकिन उसने इशारों इशारों में सारी कहानी कह डाली। उसे गांव के लोगों के साथ इस तरह बात करता देख वहां मौजूद भीख मांगने वाले गिरोह का सरगना आ गया। वह परमेश्वर को अपना छोटा भाई बताने हुए उसे जबरदस्ती अपने साथ ले जाने लगा लेकिन परमेश्वर क गांव के लोगों का पांव छोड़ने का नाम नहीं ले रहा था। देखते देखते वहां लोगों की भीड़ जमा हो गई। मामले की जानकारी पुलिस को मिली। इसके बाद सभी को थाने ले जाया गया।
पुलिस ने बॉन्ड भरवा कर गांव के लोगों के साथ भेजा
प्रयागराज की पुलिस ने थाने में ले जाकर पूछताछ की। परिजन ने उसका आधार कार्ड भेजा और फोन पर सभी जानकारी दी। इसके बाद पुलिस बॉन्ड भरवा कर गाँव वालों के साथ उसे घर भेज दिया। इधर पुलिस के डर से सरगना भी फरार हो गया। प्रयागराज से ट्रेन से परमेश्वर अपने गाँव आया। जहां उसे उसकी माँ रेखा देवी को सौंप दिया गया। माँ अपने पुत्र को देखते ही सीने से लगा कर भावुक हो गई। इस बात की खबर मिलते ही उसके घर पर ग्रामीणों सहित सगे संबंधियों की भीड़ लगने लगी।
दो महीने पहले परिजनों ने किया था गुमशुदा का श्राद्ध
माँ रेखा देवी ने बताया कि बहुत ढूंढने के बाद भी जब परमेश्वर का पता चला तो दिसम्बर 2024 में इसका श्राद्ध कर्म भी कर दिया गया था। बताया जाता है कि लड़का के पिता राम प्रवेश पड़ित की बहुत पहले मृत्यु हो चुकी थी। मां रेखा गाँव में मजदूरी करके अपना घर परिवार चलाती है। घर में एक बड़ा भाई है वह भी एक पैर से विकलांग है।
मां ने बताया कि 2020 में छठ के दिन परमेश्वर घर से सुबह में खा पीकर सिवान चला गया था। वह शहर में लोगों से खाने पीने के लिए पैसे मांगता था और शाम को घरलौटआता था। इसी पैसे से घर का खर्च चलता था लेकिन उस दिन वह नहीं लौटा। बाद में खोजबीन शुरू हुई लेकिन कुछ पता नहीं चला। परमेश्वर ने इशारों में बताया कि भीख मांगने वाला गिरोह उसे अपने साथ लेकर चला गया था। बाद में उसे जबरदस्ती भीख मंगवाया जा रहा था। मना करने पर मारपीट की जाती थी और खाना भी नहीं दिया जाता था। अब अपने परिवार से मिलकर वह भी बहुत खुश है।